अमेरिका ने गैर-आपात दूतावास कर्मियों को इराक छोड़ने का दिया आदेश


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अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने बुधवार को सभी गैर-आपात दूतावास कर्मियों को बगदाद में अपना दूतावास और एरबिल में वाणिज्य दूतावास छोड़ने का आदेश दिया.

दरअसल, अमेरिका और ईरान के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है. ईरान, इराक का पड़ोसी देश है.

अमेरिका ने ईरान पर क्षेत्र में हमलों की योजना बनाने का आरोप लगाते हुए हाल ही में तेहरान पर दबाव बढ़ा दिया है और वह खाड़ी क्षेत्र में अपनी सेना की उपस्थिति को बढ़ा रहा है.

यात्रियों के लिए जारी चेतावनी में कहा गया है, “कई आतंकवादी और विद्रोही समूह इराक में सक्रिय हैं और नियमित रूप से इराकी सुरक्षा बलों और नागरिकों पर हमले कर रहे हैं.”

इसमें कहा गया है कि अमेरिका विरोधी मिलिशिया इराक में अमेरिकी नागरिकों और पश्चिमी कंपनियों के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं.

गौरतलब है कि अमेरिका ने प्रदर्शन प्रभावित दक्षिणी इराकी शहर बसरा में अपने वाणिज्य दूतावास को भी बंद कर दिया था.

अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने पिछले सप्ताह इराक के साथ संबंधों को और आगे ले जाने के लिए अचानक बगदाद पहुंच सबको चौंका दिया था.

विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने बुधवार को ‘एएफपी’ से कहा कि “इराक में बढ़ते खतरे को देखते हुए” हमने गैर-आपात दूतावास कर्मियों को वापस बुलाने का निर्णय लिया है.

दूसरी ओर, तेहरान के समर्थक रूस ने भी बुधवार को पोम्पिओ के आश्वासन के बावजूद दोनों देशों के बीच बढ़ रहे तनाव को लेकर चिंता व्यक्त की.

पोम्पिओ के रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात के एक दिन बाद क्रेमलिन के प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव ने कहा, “हमने अभी तक इस मामले पर लगातार तनाव बढ़ते देखा है.”

पेस्कोव ने कहा, “हम ईरानी पक्ष की ओर से उठाए कदमों से दुखी हैं.”

गौरतलब है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के 2015 अंतरराष्ट्रीय ईरान परमाणु समझौते से अमेरिका को हटाने के निर्णय के बाद से ही तेहरान और वाशिंगटन के बीच तनाव उत्पन्न हो गया था.


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