ट्रंप ने दिया वेनेजुएला के संकट में दखल
वेनेजुएला में हाल ही में चुने गए राष्ट्रपति निकोलस मादुरो के खिलाफ जारी विरोध प्रदर्शनों के बीच अब देश में तख्तापलट जैसी स्थितियां बन रही हैं. इन विरोध प्रदर्शनों का नेतृत्व कर रहे विपक्ष के नेता जुआन गोइदो ने खुद को देश का कार्यकारी राष्ट्रपति घोषित कर दिया है. गोइदो को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप का भी समर्थन मिल गया है.
वर्तमान में वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो हाल ही में राष्ट्रपति पद की शपथ ली है. जिसके बाद से ही मादुरो पर चुनाव में गड़बड़ी के आरोप लगते रहे हैं. उनके विरोध में लोगों ने सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किए. इन प्रदर्शनों के बीच विपक्ष के नेता गोइदो ने लोगों से सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरने की अपील की थी, जिसके बाद गुरुवार को उन्होंने खुद को देश का कार्यकारी राष्ट्रपति घोषित कर दिया.
गोइदो के खुद को कार्यकारी राष्ट्रपति घोषित करने के बाद, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने भी उनको समर्थन दे दिया. ट्रंप ने गोइदो के समर्थन में ट्वीट किया, “वेनेजुएला के नागरिकों को देश की असंवैधानिक मादुरो सरकार के कार्यकाल में लंबे वक्त तक परेशानियों का सामना करना पड़ा है. ऐसे में मैं आज वेनेजुएला की नेशनल असेंबली के प्रेसिडेंट जुआन गोइदो को वेनेजुएला के कार्यकारी राष्ट्रपति के रूप में मान्यता दे रहा हूं”.
जाहिर है कि अमेरिकी राष्ट्रपति के समर्थन के बाद वेनेजुएला की मौजूदा राजनीतिक स्थितियां अधिक तनावपूर्ण और अनिश्चित हो गई हैं. वेनेजुएला के उपराष्ट्रपति डेल्सी रॉड्रिगेज के कुछ ही दिन पहले एक बयान में अमेरिका से अपने घर वापस जाने और वेनेजुएला के आंतरिक मामलों में दखल न देने की बात कही थी. उन्होंने कहा था कि अमेरिका उनके देश में तख्तापलट की साजिश रच रहा है.
वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा गोइदो का समर्थन करने के बाद मादुरो ने भी जवाबी हमला किया है. उन्होंने राष्ट्रपति भवन से यह घोषणा करते हुए कहा कि वह अमेरिका के साथ अपने सभी कूटनीतिक संबंध खत्म कर रहे हैं. साथ ही, उन्होंने अमेरिका के सभी कूटनीतिक अधिकारियों को 72 घंटे के अन्दर देश छोड़ने को भी कहा.
उनका आरोप था कि कुछ बाहरी ताकतों की मदद से तख्तापलट की कोशिश की जा रही है. उन्होंने जोड़ा कि इस समय हम अपने गणतंत्र के अस्तित्व की रक्षा करने के लिए संघर्षरत हैं. तख्तापलट करने वालों की निगाह वेनेजुएला के तेल, गैस और सोने के संसाधनों पर है. वेनेजुएला वाशिंगटन से शासित नहीं हो सकता. हमें हर कीमत पर इसकी रक्षा करनी होगी.
जानकार मान रहे हैं कि अमेरिका से सभी कूटनीतिक संबंध खत्म करने के अलावा मादुरो गोइदो और विपक्ष के नेताओं की गिरफ्तारी का आदेश भी दे सकते हैं. अगर ऐसा होता है तो अमेरिका किसी न किसी रूप में वेनेजुएला की मौजूदा स्थिति में हस्तक्षेप करेगा.
उसके सामने सबसे मुफीद विकल्प ये है कि वह वेनेजुएला पर तेल प्रतिबन्ध लगाकर उसे आर्थिक रूप से कमजोर कर दे. अमेरिका वेनेजुएला में सैन्य हस्तक्षेप भी कर सकता है. हालांकि जानकार मान रहे हैं कि अमेरिका के लिए इन दोनों रास्तों में से किसी एक को चुनना भी आसान नहीं रहने वाला.
जहां आर्थिक प्रतिबन्ध लगाने से वेनेजुएला में पहले ही खतरनाक स्तर पर पहुंचे पलायन की समस्या गहरा जाएगी तो वहीं सैन्य हस्तक्षेप की अमेरिका को आर्थिक तौर पर खुद बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी. अमेरिका के पुराने अनुभव भी बहुत अच्छे नहीं हैं. सोमालिया, अफगानिस्तान और ईराक में हुई अमेरिकी सैन्य कार्रवाइयों उम्मीद से अधिक वक्त तक खिंच गईं जिसकी अमेरिका को आर्थिक तौर पर भारी कीमत चुकानी पड़ी.
बहरहाल, ये माना जा सकता है कि वेनेजुएला के राजनीतिक हालात बेहद गंभीर और संकटपूर्ण हो गए हैं. माना जा रहा है कि मादुरो आसानी से इस उलटफेर को नहीं होने देंगे और इस पूरे घटनाक्रम पर किसी न किसी तरीके से अपनी प्रतिक्रिया जरूर देंगे.