क्या भारत को अमेरिकी प्रतिबंधों से बचा पाएंगी रक्षा मंत्री?
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अमेरिका के रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस ने सीएएटीएसए के तहत भारत पर लगने वाले संभावित प्रतिबंधों पर कहा कि वह इसे मिलकर सुलझा लेंगे.
सीएएटीएसए अमेरिका का एक कानून है जिसके तहत अमेरिका के दुश्मन देशों से किसी भी प्रकार की बड़ी रक्षा खरीद करने वाले देशों पर अमेरिका दंडात्मक प्रतिबंध लगा सकता है. हालांकि इन प्रतिबंधों से छूट देने का अधिकार राष्ट्रपति के पास है.
भारत रूस से अरबों डॉलर कीमत की एस 400 मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदना चाहता है. जिसके बाद भारत पर अमेरिका प्रतिबंध लगा सकता है. जानकारों के मुताबिक रक्षा मंत्री की अमेरिका यात्रा इस मायने में काफी महत्वपूर्ण है. हाल में अमेरिका और रूस के बीच तल्खी बढ़ गई है.
पेंटागन में तीन दिसंबर को केंद्रीय रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण से अमेरिका के रक्षा मंत्री ने मुलाकात की. इस मौके पर उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘‘हम उपमहाद्वीप में शांति और अफगानिस्तान (जहां 40 वर्ष से युद्ध जारी है) में युद्ध समाप्त करने का समर्थन करने के लिए हर जिम्मेदार राष्ट्र से अपेक्षा करते हैं. ’’
मैटिस ने कहा, ‘‘अब समय आ गया है कि संयुक्त राष्ट्र, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी और शांति स्थापित करने और दुनिया को बेहतर बनाने की कोशिश करने वाले हर एक का समर्थन करें.’’
अमेरिका के रक्षा मंत्री जिम मैटिस ने कहा कि अफगानिस्तान में युद्ध समाप्त करना है, तो पाकिस्तान को तालिबान के साथ शांति वार्ता में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी. उन्होंने कहा कि यह समय संयुक्त राष्ट्र, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और दक्षिण एशिया में शांति स्थापित करने की कोशिश कर रहे हर एक के प्रयासों का समर्थन करने का है.
मैटिस, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की ओर से लिखे पत्र का जवाब दे रहे थे. इमरान खान ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प को अफगानिस्तान में शांति स्थापित करने की प्रक्रिया में मदद की अपील की थी.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि जंग कश्मीर मुद्दे का हल नहीं है और इसे बातचीत के जरिये सुलझाया जा सकता है. तीन दिसंबर को पत्रकारों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारत के साथ शांतिपूर्ण संबंध बनाने के लिए पाकिस्तान अत्यधिक गंभीर है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की सेना और उनकी सरकार भी यही चाहती है. उन्होंने भारत से युद्ध की किसी संभावना से इनकार किया है.
करतारपुर कॉरिडोर को लेकर पैदा हुए विवाद पर इमरान खान ने जियो न्यूज से कहा, ‘‘ करतापुर कॉरिडोर को खोलना ‘गुगली’ फेंकना या दोहरा खेल नहीं, बल्कि यह निष्कपट व स्पष्ट निर्णय है.’’
29 नवंबर को कुरैशी ने कहा था कि प्रधानमंत्री खान ने ऐतिहासिक करतापुर कॉरिडोर के शिलान्यास समारोह में भारत सरकार की उपस्थिति को सुनिश्चित करने के लिए एक ‘गुगली’ फेंकी है.
हालांकि, कुरैशी के इस बयान की भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने तीखी आलोचना की थी.