यमन में नहीं दिख रहे अमन के आसार


war in yemen

 

मध्य पूर्व एशियाई देश यमन बुरी तरह से गृह युद्ध में फंसकर बर्बादी की कगार पर है. सऊदी अरब और ओमान की सीमाओं से लगे इस प्रायद्वीपीय देश में सरकार समर्थित सेना और हूती विद्रोहियों के बीच लंबे समय से युद्ध जारी है.

हाल ही में संयुक्त राष्ट्र की पहल पर लड़ाई में शामिल दोनों पक्ष स्वीडन में हुई वार्ता के बाद समझौते के लिए सहमत हुए थे. यमन के बंदरगाह शहर हुदैदा में लागू हुए युद्ध विराम के बाद एक उम्मीद जगी थी. लेकिन रविवार को इस क्षेत्र में फिर से गोलाबारी हुई.

इसके बाद संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख एंतोनियो गुतारेस ने रविवार को चेतावनी दी कि 2019 में यमन को ‘‘बहुत बुरे’’ समय का सामना करना पड़ सकता है.

गुतारेस ने कहा कि अगर युद्ध में लिप्त पक्ष शांति समझौता नहीं करते और इस मानवीय संकट को दूर नहीं करते. तो यमन को अगले वर्ष बदतर स्थिति का सामना करना पड़ सकता है.

2015 में शुरू हुए विद्रोह के बाद से यमन सऊदी अरब और ईरान के बीच लड़ाई का अखाड़ा बन चुका है.

हूती विद्रोही शिया मुसलमान हैं, जिन्हें ईरान का समर्थन प्राप्त है. यमन के ज्यादातर हिस्सों में सुन्नी मुसलमानों की बहुतायत है. हूती विद्रोहियों के ख़िलाफ़ सऊदी अरब ने अभियान चला रखा है.


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