दिल्ली की वायु गुणवत्ता एक बार फिर ‘खराब’ श्रेणी में


weather in delhi is pleasant but air quality is in poor category

 

कुछ दिन की राहत के बाद फिर से हवा ठहरने और खेतों में फसल अवशेषों को जलाये जाने के कारण दिल्ली की हवा फिर से खराब हो गयी है.

दिल्ली में वायु की गुणवत्ता 20 नवंबर की सुबह ‘खराब’ की श्रेणी’ में रही. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक सुबह आठ बजकर 50 मिनट पर 282 रहा, जो खराब की श्रेणी को दर्शाता है.

दिल्ली के पड़ोसी क्षेत्र गाजियाबाद और ग्रेटर नोएडा में वायु गुणवत्ता सूचकांक क्रमश: 364 और 349 दर्ज किया गया जबकि नोएडा का सूचकांक 323 दर्ज किया गया.

राष्ट्रीय राजधानी में 19 नवंबर को न्यूनतम तापमान 12.3 डिग्री सेल्सियस जबकि आर्द्रता का स्तर 85 फीसदी दर्ज किया गया.

मौसम वैज्ञानिकों ने दिन में आकाश साफ रहने का पूर्वानुमान व्यक्त किया है. दिल्ली के लोगों को प्रदूषण से थोड़ी राहत मिलने के बाद 19 नवंबर को हवा की गति कम रहने और पराली जलाने के प्रभाव से वायु गुणवत्ता फिर से खराब हो गई.

सीपीसीबी के मुताबिक शहर की कुल वायु गुणवत्ता 19 नवंबर को शाम चार बजे 242 रही.

खबर है कि ब्रिटेन और भारत के पर्यावरण वैज्ञानिक दिल्ली के वायु प्रदूषण से निपटने के लिए मिलकर काम करेंगे.

मैनचेस्टर विश्वविद्यालय के वायु गुणवत्ता विशेषज्ञों ने इसके लिए भारतीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (आईएमईएस), भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (आईआईटीएम) और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-मद्रास (आईआईटी-एम) से हाथ मिलाया है.

मैनचेस्टर विश्वविद्यालय के दल के प्रमुख प्रोफेसर हग कोए ने कहा, ‘दिल्ली में वायु प्रदूषण कई कारकों से जुड़ा हुआ है, जिनमें भारी ट्रैफिक, अपशिष्टों को जलाया जाना, मॉनसून से पहले धूल भरी हवा का चलना शामिल है. फसलों का जलाया जाना भी प्रदूषण का बहुत महत्वपूर्ण स्रोत है.


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