किधर होगा पहली बार वोट डालने वाले मतदाताओं का रुख?


Where would first-time voters vote

 

साल 2014 के लोकसभा चुनाव में पहली बार वोट डालने वाले मतदाताओं ने अहम भूमिका निभाई थी. तब बीजेपी चुनावी रणनीति से इन मतदाताओं को अपनी ओर लुभाने में सफल रही थी.

पहली बार वोट डालने वाले मतदाताओं की संख्या से ये आम चुनाव भी कम महत्वपूर्ण नहीं है. चुनाव आयोग के अनुसार, इस बार आम चुनाव में बीते चुनाव के मुकाबले 8.4 करोड़ मतदाता ज्यादा हैं. इनमें 1.5 करोड़ मतदाता 18-19 आयु वर्ग के हैं. दिलचस्प बात ये भी है कि इस बार पहली बार वोट डालने वाले सबसे ज्यादा मतदाता पश्चिम बंगाल से हैं. यहां ऐसे मतदाताओं की संख्या 20.1 लाख है.

पिछले आम चुनाव में लगभग 82 करोड़ मतदाताओं में से 2.31 करोड़ ने पहली बार वोट डाला था. ये संख्या भले ही छोटी लगे, लेकिन बीजेपी ने इन नए मतदाताओं की बड़ी संख्या को अपनी ओर मोड़ने में सफलता हासिल की थी. एक अनुमान के अनुसार, इन मतदाताओं में से 39 फीसदी ने बीजेपी को वोट दिया था जबकि सिर्फ 19 फीसदी ने अपना वोट कांग्रेस को डाला था.

हालांकि पिछली बार बीजेपी ने भ्रष्टाचार मुक्त शासन का कथानक गढ़कर इन युवा मतदाताओं को आकर्षित किया था, लेकिन इस बार इन मतदाताओं की राजनीतिक प्राथमिकताओं को लेकर खुद बीजेपी में भी संशय है. बीते पांच सालों में गहराई बेरोजगारी से ध्यान हटाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने युवा लोगों से हाल में पुलवामा हमले के शहीदों के नाम पर वोट डालने की अपील की थी.

जाहिर है कि इस बार इन मतदाताओं के रुख पर काफी कुछ निर्भर रहने वाला है.


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