मोदी सरकार के 100 दिन पूरे होने पर किसने क्या कहा?


pm highlighted the importance of greater discussion and awareness on population explosion

 

मोदी सरकार के 100 दिन पूरे होने पर बीजेपी ने जहां इसे ऐतिहासिक निर्णयों वाला करार दिया वहीं विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने अर्थव्यवस्था की नरमी के लिए सरकार को घेरने की कोशिश की.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि एनडीए सरकार के दूसरे कार्यकाल के शुरुआती 100 दिन देश में ‘‘विकास, विश्वास और बड़ी चुनौतियों’’ के रहे हैं.

रोहतक में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि सरकार ने इस अवधि के दौरान कई महत्वपूर्ण फैसले लिए जिनमें कृषि क्षेत्र और राष्ट्रीय सुरक्षा के संबंध में लिए गए फैसले शामिल हैं.

मोदी ने कहा कि हाल के संसद सत्र के दौरान कई विधेयक पारित किए गए और जितना काम किया गया वह पिछले 60 वर्षों में किसी भी संसद सत्र में नहीं किया गया.

नरेन्द्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के 100 दिन को गृह मंत्री अमित शाह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘निर्णायक नेतृत्व’ में ‘ ऐतिहासिक निर्णयों’ वाला करार दिया है. उन्होंने सरकार के समर्थन में एक-के बाद एक कई ट्वीट किए.

अमित शाह ने अपने ट्वीट में कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार राष्ट्र की सुरक्षा, विकास और गरीबों के कल्याण का पर्यायवाची है.

शाह ने ट्वीट किया,  “मैं अपने सभी देशवासियों को विश्वास दिलाता हूं कि मोदी सरकार विकास, कल्याण और राष्ट्र की सुरक्षा के लिए कोई कसर छोड़ने वाली नहीं है.”

नरेन्द्र मोदी ने दूसरे कार्यकाल के लिए 30 मई को प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी.

केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने जम्मू कश्मीर से संविधान का अनुच्छेद 370 निष्प्रभावी घोषित करने और तीन तलाक की कुप्रथा को अपराध घोषित करने को सौ दिनों के शुरुआती कार्यकाल के सबसे अहम और साहसिक फैसले बताया. उन्होंने कहा कि इस दौरान किये गये तमाम फैसलों की तैयारी लोकसभा चुनाव से पहले ही कर ली गई थी. इसमें देश की अर्थव्यवस्था को पांच खरब अमेरिकी डॉलर के स्तर तक ले जाने के लक्ष्य को भी पूरा करने की कार्ययोजना भी शामिल है जिसे सरकार ने लागू करने का रोडमैप पिछले कार्यकाल में ही तय कर लिया था.

बीजेपी 10 अगस्त और उसके आगे की तारीख में राज्यों की राजधानी में केन्द्र सरकार की उपलब्धियों को बताने के लिए प्रेस कांफ्रेंस करेगी.

कांग्रेस ने शासन में 100 दिन पूरे करने वाली मोदी सरकार पर रविवार को यह कहते हुए निशाना साधा कि इस कार्यकाल को तीन शब्दों – “निरंकुशता, अव्यवस्था और अराजकता” में बयां किया जा सकता है.

मोदी सरकार के 100 दिन पूरे होने पर विपक्षी पार्टी ने इस अवधि को अर्थव्यवस्था के लिए बुरा वक्त बताने के लिए अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर कई आंकड़े पोस्ट किए.

कांग्रेस ने कहा कि ‘‘तीन शब्द जो बीजेपी सरकार के दूसरे कार्यकाल के शुरुआती 100 दिनों की व्याख्या करते हैं, वे हैं – निरंकुश शासन, अव्यवस्था और अराजकता.”

पार्टी ने कहा, ‘‘आठ क्षेत्रों में दो प्रतिशत से नीचे का विकास दर दर्ज किया गया और हमारी वित्त मंत्री अब भी इस बात को स्वीकार करने से इनकार कर रही हैं कि हमारी अर्थव्यवस्था तेजी से गिर रही है. अगर बीजेपी लापरवाही एवं धोखेबाजी के इस रास्ते पर चलती रही तो हम मंदी की तरफ बढ़ जाएंगे.”

कांग्रेस ने कहा कि समस्याओं के समाधान के लिए पहले उनकी पहचान की जाती है जिसमें यह सरकार विफल रही है।

पार्टी ने आरोप लगाया, “भाजपा राजनीति 101 : जब सब कुछ नाकाम रहे, विपक्ष के हाई प्रोफाइल नेताओं को गिरफ्तार करें और उम्मीद जताएं कि जनता इस पर गौर नहीं करेगी कि आप बाकी हर जगह विफल रहे हैं.”

साथ ही कांग्रेस ने यह भी दावा किया कि बीजेपी, “संसद को नोटिस बोर्ड” की तरह लेती है क्योंकि वहां विधेयकों पर चर्चा नहीं की जाती बल्कि उन्हें महज औपचारिकता पूरी करने के लिए पेश कर दिया जाता है.

कांग्रेस ने हैशटेग “100 डेज नो विकास” के साथ एक ट्वीट में कहा, “यह लोकतंत्र के कमजोर होने का संकेत है.”

कांग्रेस ने अपने ट्वीट में कहा कि पिछले साल की तुलना में जीडीपी में गिरावट सरकार की ओर से अर्थव्यवस्था के प्रति अज्ञानता और  बदइंतजामी के परिणाम हैं.  उद्योगों, अर्थशास्त्रियों और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की बातों को नहीं सुनकर बीजेपी ने खुद से यह साबित किया है कि वे अर्थव्यवस्था को संभालने में नाकाबिल हैं.

इससे पहले कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने कहा कि बीजेपी सरकार के 100 दिन ऑटोमोबाइल, ट्रांसपोर्ट और खनन जैसे क्षेत्र की बर्बादी है.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए उसके “विकास रहित” 100 दिन के लिए “बधाई’’दी.

उन्होंने आरोप लगाया कि ‘‘संकट में घिरी अर्थव्यवस्था” को उबारने के लिए नेतृत्व, दिशा और योजनाओं का स्पष्ट अभाव रहा.

राहुल गांधी ने ट्वीट किया, “मोदी सरकार को विकास रहित 100 दिन पूरे करने की बधाई, लोकतंत्र का खात्मा, आलोचनाओं पर लगाम लगाने के लिए घुटने टेक चुकी मीडिया पर शिकंजा कसना और नेतृत्व, दिशा एवं योजनाओं की स्पष्ट कमी, जहां संकट में घिरी अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए इनकी सबसे ज्यादा जरूरत है.”


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