NRC से पहले होगी राज्यों से चर्चा, NPR डेटा का इस्तेमाल संभव: रवि शंकर प्रसाद


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अंग्रेजी अखबार द संडे एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में केंद्रीय कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि राज्य सरकारों से चर्चा और उचित कानूनी प्रक्रिया के तहत एनआरसी देश भर में लागू किया जाएगा.

उन्होंने अखबार से कहा कि ‘एनपीआर का डेटा एनआरसी के लिए इस्तेमाल किया भी जा सकता है और नहीं भी.’

राज्यों से चर्चा का केंद्रीय मंत्री का बयान यहां अहम है क्योंकि बीजेपी की सहयोगी पार्टी जेडीयू समेत करीबन छह राज्य सरकारों ने राष्ट्रीय स्तर पर एनआरसी का विरोध किया है. दो राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने अपने राज्य में एनआरसी और एनपीआर दोनों लागू करने से साफ इनकार किया है.

बीते हफ्ते एएनआई को दिए एक इंटरव्यू में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि एनपीआर और एनआरसी दो अलग-अलग प्रक्रिया है, जिनका इस्तेमाल एक दूसरे के सर्वे में नहीं किया जा सकता.

ये पूछे जाने पर कि एनआरसी कब लागू होगा, प्रसाद ने कहा, ‘इसकी कानूनी प्रक्रिया है. पहले फैसला होता है, फिर नोटिफिकेशन जारी होता है. इसके बाद प्रक्रिया, फिर जांच, लोगों की ओर से आपत्ति और आपत्ति पर सुनवाई और अपील का अधिकार. राज्य सरकारों के साथ चर्चा की जाएगी और सुझाव लिया जाएगा. जो भी होगा सार्वजनिक रूप से होगा. एनआरसी पर कुछ भी गुप्त नहीं रखा जाएगा.’

एनआरसी के लिए दस्तावेजों के सवाल पर उन्होंने कहा कि फिलहाल इस पर फैसला नहीं लिया गया है.

प्रसाद ने एनपीआर पर सरकार के पक्ष का बचाव किया और कहा कि ‘जनगणना के आंकड़े प्रशासन के साथ सार्वजनिक नहीं किए जा सकते तो एनपीआर के आंकड़े नीतियों और लोक कल्याण योजनाओं के कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण होते हैं.’

प्रदर्शनों पर पुलिस कार्रवाई पर प्रसाद ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार प्रदर्शन के अधिकार का समर्थन करती है. उन्होंने कहा कि ‘मैं यहां साफ कर देना चाहता हूं कि छात्रों समेत सभी आम नागरिकों को शांतिपूर्ण प्रदर्शन का अधिकार है. सरकार की आलोचना करना उनका अधिकार है. लेकिन अगर कोई आगजनी या हिंसा करता है और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाता है तो उसे खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई होगी.’


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