बदल जाएगा लोकसभा का नजारा, पहली पंक्ति में दिखेंगे एनडीए के ज्यादा सांसद


With new government Loksabha seating plan changes

 

नई सरकार के गठन के साथ ही लोकसभा स्पीकर के करीब पहली पंक्ति में बैठने वाले सांसदों के चेहरे अब आपको बदले-बदले नजर आएंगे. पहली पंक्ति में एनडीए नेताओं की संख्या बढ़ने जा रही है. वहीं विपक्षी पार्टी का दर्ज नहीं पा सकी कांग्रेस को पहली पंक्ति में दो सीटें आवंटित हुई हैं.

हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक, 17वीं लोकसभा में पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा, पूर्व विदेश मंत्री सुष्मा स्वराज, नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, एआईएडीएमके नेता एम थंबीदुरई और बीजेपी वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को पहली पंक्ति में जगह नहीं मिलेगी.

देवगौड़ा, खड़गे, थंबीदुरई को जहां चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा, वहीं विदिशा से दो बार सांसद रही चुकीं सुषमा ने इस आम चुनाव से दूरियां बना ली थीं. जबकि गांधीनगर से सांसद रहे आडवाणी को पार्टी ने टिकट देने से इनकार कर दिया था.

एक वरिष्ठ लोकसभा अधिकारी ने बताया कि पहली पंक्ति की सीटें विभिन्न पार्टियों के वरिष्ठ नेताओं को आवंटित की जाती हैं. पूर्व प्रधानमंत्री अगर चुनाव जीतते हैं तो उन्हें आगे की पंक्ति में जगह दी जाती है. जितनी सीटों पर पार्टी जीत दर्ज करती है, उसके अनुपात में ही आगे की पंक्ति में पार्टी को सीटें आवंटित होती हैं.

इन नेताओं के साथ लोकसभा की पहली पंक्ति में अब ये पांच बदलाव निश्चित हैं. इसके अलावा संभावनाएं हैं कि बीजेडी नेता प्रतिपक्ष भर्तृहरी महताब और टीएमसी नेता सुदीप बंद्योपाध्याय को भी अपनी जगह गवानी पड़ सकती है.

वजह है कि पिछले चुनाव की तुलना में इस बार दोनों पार्टियों की सीटें कम हुई हैं. 2014 में बीजेडी ने 34 और टीएमसी ने 20 सीटों पर जीत दर्ज की थी. इस बार बीजेडी जहां 22 सीटें ही अपने नाम कर सकी, वहीं टीएमसी 10 सीटों पर सिमट गई. ऐसे में गणित के मुताबिक पहली पंक्ति में बीजेडी का अनुपात 0.8 सीट और टीएमसी का अनुपात 0.4 सीट बनता है.

पिछली की तुलना में इस बार बीजेपी की सीटों में इजाफा हुआ है, ऐसे में एनडीए को आवंटित 12 सीटों का आंकड़ा इस बार बढ़ सकता है.

इस बात की काफी संभावनाएं हैं कि कैबिनेट में मंत्री पद की शपथ लेने वाले अमित शाह पहली पंक्ति में बैठेंगे. इसी के साथ राजनाथ सिंह, नितीन गडकरी, सदानंद गौड़ा को भी पहली पंक्ति में बैठने का मौका मिलेगा.

लोकसभा में स्पीकर की दाईं ओर पहली सीट प्रधानमंत्री के लिए आवंटित होती है. पीएम के साथ वाली सीट पर दूसरा सबसे बड़ा नेता बैठता है. पिछली सरकार में इस सीट पर राजनाथ सिंह बैठा करते थे. जबकि यूपीए सरकार में सीट नं दो पर प्रणब मुखर्जी बैठा करते थे.

पहली पंक्ति की सबसे आखिरी सीट (स्पीकर के बाईं ओर) डिप्टी स्पीकर के लिए होती है.

इस बार बीजेपी के सहयोगी दलों से एलजेपी के रामविलास पासवान, शिवसेना के अरविंद सावंत और शिरोमणि अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर पहली पंक्ति में अपनी जगह बनाने में कामयाब हो सकते हैं.

पिछली सरकार में कांग्रेस के दो नेताओं, सोनिया गांधी और नेता प्रतिपक्ष खड़गे को पहली पंक्ति में बैठना का मौका मिला था. इस बार सोनिया गांधी की सीट में कोई बदलाव नहीं है. लेकिन अगर कांग्रेस सोनिया की जगह राहुल को पहली पंक्ति में भेजना का फैसला करती है तो संभव है कि लोकसभा में दूसरी पंक्ति में बैठने वाले राहुल, पहली पंक्ति में बैठे मिलें.

इस बारे में एक वरिष्ठ लोकसभा अधिकारी ने बताया, “हम केवल पार्टियों को सीट आवंटित करते हैं. सीट के लिए पार्टी किसका नाम देती है ये पूरी तरह से पार्टी पर निर्भर करता है, हम केवल उस सुझाव को मानते हैं.”


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