श्रम कानूनों में बदलाव के विरोध में श्रमिक संगठनों की हड़ताल 8-9 जनवरी को


 

केन्द्रीय श्रमिक संगठन केन्द्र सरकार की नीतियों के खिलाफ आठ जनवरी से दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल करेंगे. हड़ताल में इंटक, एआईटीयूसी, सीटू और हिन्द मजदूर सभा समेत 10 केन्द्रीय श्रमिक संगठन हिस्सा लेंगे.

हिन्द मजदूर सभा के राष्ट्रीय महासचिव हरभजन सिंह सिद्धू ने बताया कि केन्द्र सरकार की ‘जन-विरोधी, श्रमिक विरोधी और देश विरोधी नीतियों’ के खिलाफ 10 केन्द्रीय श्रमिक संगठन आठ और नौ जनवरी को देशव्यापी हड़ताल करेंगे. यह निर्णय  29 सितम्बर को हुई श्रमिक संगठनों की बैठक में लिया गया था.

उन्होंने बताया कि इस हड़ताल में उद्योग क्षेत्र, सेवा क्षेत्र, केन्द्र और राज्य सरकारों के कर्मचारी हिस्सा लेंगे. इसके अलावा असंगठित क्षेत्र के कामगार भी हड़ताल में शामिल होंगे.

सिद्धू ने आरोप लगाया कि केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार न्यूनतम मजदूरी, सामाजिक सुरक्षा, सरकारी क्षेत्र में बढ़ते निजीकरण समेत 12 सूत्रीय मांगों को लगातार नजरअंदाज कर रही है.

केन्द्रीय श्रमिक संगठनों ने 44 श्रम कानूनों को खत्म करके नियोक्ताओं के प्रति मित्रवत चार संहिताएं बनाये जाने और ‘फिक्स्ड टर्म एम्प्लॉयमेंट‘ लाये जाने पर नाराजगी जाहिर की है. श्रमिक संगठन नयी पेंशन योजना को लेकर भी खफा हैं.


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