भारतीय तीरंदाजी संघ के निलंबन को सशर्त हटाने पर विश्व तीरंदाजी राजी


World archery says Archery association of india’s suspension can be lifted conditionally if clear road map is made.

 

विश्व तीरंदाजी ने भारतीय तीरंदाजी संघ के निलंबन को ‘सशर्त’ वापस लेने का संकेत देते हुए कहा कि इसके लिए भारतीय तीरंदाजी संघ को इस महीने के अंत तक अपनी व्यवस्था ठीक करनी होगी.

विश्व तीरंदाजी का यह फैसला दिल्ली हाई कोर्ट के नौ अगस्त के उस निर्देश के बाद आया, जिसमें अदालत ने निलंबित भारतीय तीरंदाजी संघ के चुनाव कराए जाने तक उसकी व्यवस्था देखने के लिए खेल मंत्रालय को पांच सदस्यीय अस्थायी समिति गठन करने का निर्देश दिया है.

न्यायालय के इस निर्देश के बाद विश्व तीरंदाजी के महासचिव टॉम डिलेन ने भारतीय ओलंपिक संघ के महासचिव राजीव मेहता को पत्र लिखा है. पत्र के मुताबिक, विश्व तीरंदाजी के महासचिव टॉम डिलेन ने भारतीय ओलंपिक संघ के महासचिव राजीव मेहता को समिति के चार सदस्यों के नामों का सुझाव देते हुए कहा कि इसकी अध्यक्षता जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय के सेवानिवृत चीफ जस्टिस ‘बीडी अहमद’ को सौंपी जाए.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, डिलेन ने मेहता को पत्र लिखकर कहा है, ‘‘अगर इस मामले में तेजी से सुधार होता है और अगस्त के अंत तक व्यवस्था सही बनी रहती है तो विश्व तीरंदाजी इस महीने के आखिर में भारतीय तीरंदाजी संघ के निलंबन को सशर्त हटा सकता है.’’

विश्व तीरंदाजी ने अस्थायी समिति के लिए जिन चार नामों का सुझाव दिया है उनमें से भारतीय ओलंपिक संघ के तरफ से ‘राजीव मेहता’, खेल मंत्रालय के तरफ से ‘आर राजगोपाल’ के साथ भारतीय तीरंदाजी संघ के विरोधी खेमों के बीवीपी रावत और वीरेन्द्र सचदेवा शामिल हैं.

अस्थायी समिति का काम भारतीय खेल कोड और विश्व तीरंदाजी के संविधान के मुताबिक भारतीय तीरंदाजी संघ का संविधान तैयार करना और चुनाव करवाना हैं.

टॉम डेलिन ने लिखा, ‘‘ निलंबन हटाने के लिए इस व्यवस्था को विश्व तीरंदाजी से मंजूरी मिलना जरूरी होगा.’’

यह समिति नवंबर में बैंकॉक में होने वाली एशियाई चैम्पियनशिप और टोक्यो ओलंपिक 2020 की तैयारियों और टीम चयन के अलावा महासंघ के जरूरी कामकाज को देखेगी.

इससे पहले राहुल मेहरा बनाम केंद्र सरकार एवं अन्य की जनहित याचिका की 9 अगस्त को सुनवाई करते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति एस मुरलीधर और नज्मी वाजिरी की सदस्यता में बनी विशेष पीठ ने निर्देश दिया कि समिति का गठन कम से कम 23 अगस्त तक कर दिया जाए और वह अपनी बैठक 24 को कर लें.


ताज़ा ख़बरें