अमेरिका के साथ व्यापार समझौता टला


Would be nice if Modi and Khan could 'find a solution' on Kashmir: Trump

 

अमेरिका और भारत के बीच व्यापार समझौतों पर सहमति नहीं बन पाने के बाद इसे आगे के लिए टाल दिया गया है. व्यापारिक समझौतों को अंतिम रूप देने के लिए वित्त मंत्री पीयूष गोयल न्यूयॉर्क में हैं. लेकिन ताजा घटनाक्रम के बाद अर्थव्यवस्था को गति देने के केन्द्र सरकार के प्रयासों को झटका लगा है.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के बीच 24 सितंबर को हुई द्विपक्षीय वार्ता में व्यापार समझौता को लेकर घोषणाओं की उम्मीद की जा रही थी.

अंग्रेजी अखबार द हिन्दू ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि सूचना एवं संचार तकनीक(आईसीटी) प्रोडक्ट को लेकर भारत और अमेरिका के बीच सहमति नहीं बन पाई है. अमेरिका भारत की ओर से आईसीटी प्रोडक्ट पर लगने वाले 20 फीसदी टैक्स को खत्म करने के पक्ष में है. वहीं इससे चीन की तकनीक के भारतीय बाजार में पैठ बनने को लेकर भारत चिंतित है. इसके साथ ही अमेरिका मेडिकल उपकरणों और डेयरी प्रोडक्ट को भारतीय बाजार में बेचने के लिए नियमों में ढील देने के लिए दबाव डाल रहा है.

सूत्रों के मुताबिक भारत तरजीही दर्जे की बहाली चाहता है जिसे जून महीने में अमेरिका ने खत्म कर दिया है.

व्यापार समझौते पर ट्रंप ने कहा, “हम इस पर अच्छा कर रहे हैं… मुझे लगता है कि जल्द ही हम व्यापार समझौता कर लेंगे.”

डोनल्ड ट्रंप ने लिया यू टर्न

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने 24 सितंबर को भारत और पाकिस्तान के बीच किसी तरह की मध्यस्थता से दूरी बनाते हुए कहा कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके पाकिस्तानी समकक्ष इमरान खान कश्मीर पर ‘कोई हल निकाल सकें तो यह अच्छा होगा.’

ट्रंप ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र के इतर मोदी से मुलाकात के दौरान ये टिप्पणी की. मोदी के इस साल मई में दूसरे कार्यकाल के लिए सत्ता में आने के बाद से ट्रम्प के साथ यह चौथी मुलाकात है.

ट्रंप ने कहा, ‘‘मुझे पूरा विश्वास है कि प्रधानमंत्री मोदी और प्रधानमंत्री खान जब एक-दूसरे को अच्छी तरह जान जाएंगे तो मुलाकात करेंगे. मुझे लगता है कि मुलाकात से बहुत सारी अच्छी चीजें निकलकर आएंगी. यह अच्छा होगा अगर वे कश्मीर पर कोई हल निकाल सकें.’’

23 सितंबर को ट्रंप ने खान मुलाकात की थी और कहा था कि अगर भारत और पाकिस्तान राजी हों तो वह कश्मीर मुद्दे पर दोनों देशों के बीच मध्यस्थता कर सकते हैं.

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भारत का रुख रहा है कि कश्मीर द्विपक्षीय मुद्दा है और किसी तीसरे पक्ष की इसमें कोई भूमिका नहीं है.

पाकिस्तानी सरजमीं से पैदा हो रहे आतंकवाद और आतंकवादी समूहों से पाकिस्तानी सेना के संबंधों के बारे में पूछे जाने पर ट्रंप ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी इसे संभाल लेंगे.’’

22 सितंबर को ह्यूस्टन में मुलाकात की और ‘हाउडी, मोदी’ महारैली में मंच साझा किया जहां उन्होंने आतंकवाद से लड़ाई पर करीबी मित्रता और साझा दूरदृष्टि प्रदर्शित की.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के साथ मुलाकात में स्पष्ट किया कि पड़ोसी देश से वार्ता बहाली से पहले भारत चाहता है कि पाकिस्तान ‘‘कुछ ठोस कदम’’ उठाए. वहीं, ट्रम्प ने उम्मीद जतायी कि दोनों पड़ोसी देश कश्मीर मुद्दे पर ‘‘कोई हल निकाल’’ सकते हैं.

बैठक के दौरान मोदी ने आतंकवाद खासतौर से जम्मू कश्मीर के संबंध में भारत के सामने पेश आ रही चुनौतियों के बारे में विस्तार से बताया.

विदेश सचिव विजय गोखले ने बैठक के बारे में पत्रकारों को बताया कि मोदी ने ट्रंप को बताया कि कश्मीर में आतंकवाद के कारण पिछले 30 वर्षों में 42,000 जानें गई हैं और उन्होंने आतंकवाद के अभिशाप से लड़ने में अंतरराष्ट्रीय समुदाय का सहयोग मांगा.

गोखले ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने स्पष्ट कर दिया कि हम पाकिस्तान के साथ वार्ता करने से संकोच नहीं कर रहे हैं पर ऐसा होने के लिए हम उम्मीद करते हैं कि पाकिस्तान कुछ ठोस कदम उठाए. पाकिस्तान की तरफ से लेकिन हमें ऐसी कोई कोशिश नहीं दिख रही.’’

अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह माना कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने अल-कायदा के आतंकवादियों को प्रशिक्षित किया है. इसके बाद यह पूछे जाने पर कि वह खान को क्या संदेश देना चाहते हैं, इस पर ट्रंप ने कहा, ‘‘संदेश मुझे नहीं देना बल्कि प्रधानमंत्री मोदी को देना है और उन्होंने तेज आवाज और स्पष्ट लहजे में दे दिया है. मुझे विश्वास है कि वह इसे संभाल लेंगे.’’

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