भारत की कृषि समर्थक नीतियों को लेकर विश्व व्यापार संगठन में उठे सवाल
विश्व व्यापार संगठन के अन्य सदस्यों द्वारा भारत और अमेरिका की बड़े पैमाने पर कृषि समर्थित योजनाओं की जांच की जा रही है. विश्व व्यापार संगठन की त्रैमासिक कृषि समिति की बैठक में 17 जून को किसानों से जुड़े कुछ सवाल पूछे गए हैं. विश्व व्यापार संगठन में भुगतान के नियम काफी सख्त हैं.
विश्व व्यापार संगठन के सदस्य देश ऐसे किसी भी प्रतियोगी पर कड़ी नजर रखते हैं, जिसके ऊपर धोखा देने की आशंका होती है.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों की आय को प्राथमिकता दी है.
डोनाल्ड ट्रंप जहां एक तरफ चीन के साथ चल रहे व्यापार युद्ध से हो रहे घरेलू नुकसान की भरपाई करने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ मोदी कृषि प्रधान देश में अर्थव्यस्था की मंदी का सामना कर रहे हैं.
यूरोपियन यूनियन ने भारत से विस्तार में बताने के लिए कहा है कि नरेंद्र मोदी ने किस तरह से कृषि और ग्रामीण विकास पर 357.5 बिलियन डॉलर खर्च करने का प्रस्ताव रखा है, जिसकी वजह से साल 2022 तक किसानों की आय दोगुनी होकर 100 ट्रिलियन रुपये हो जाएगी.
यूनियन ने मोदी सरकार से पूछा है कि उत्पादन के वैश्विक बाजार मूल्यों और अतिरिक्त उत्पादन को रोकने के लिए किए गए उपायों को ध्यान में रखते हुए यह कैसे किया जाएगा?