फ्रांस में येलो वेस्ट आंदोलन ने फिर जोर पकड़ा


yellow vest protesters march against macron's government

 

फ्रांस में मैक्रों सरकार के खिलाफ शुरू हुआ विरोध थमता हुआ नजर नहीं आ रहा है. बीते शनिवार को राजधानी पेरिस समेत पूरे फ्रांस में हजारों येलो वेस्ट आंदोलनकारी सड़कों पर उतर आए. मैक्रों की सरकार के खिलाफ चल रहा ये नागरिक अवज्ञा आंदोलन बीते 12 हफ्तों से जारी है.

इन प्रदर्शनों ने ऐसे समय में एक बार फिर से जोर पकड़ा है जब सरकार ने प्रदर्शन के दौरान चेहरा ढकने से रोकने वाला कानून पेश किया है. इस कानून के मुताबिक प्रदर्शन के दौरान अपना चेहरा ढकने वालों को एक साल तक की जेल और पंद्रह हजार यूरो का जुर्माना हो सकता है.

इस कानून के अगले हफ्ते में संसद से पास हो जाने की संभावना है. इस समय मैंक्रों सरकार को पूर्ण बहुमत प्राप्त है. हालांकि आलोचकों का मानना है कि इस कानून को लागू करना असंभव होगा.

सरकार के तेल पर टैक्स बढ़ाने के फैसले के बाद से ही ये प्रदर्शनकारी सड़कों पर हैं. बीते साल 17 नवंबर को शुरू हुए ये प्रदर्शन सप्ताह के अंत में जोर पकड़ते रहे हैं. बीते कुछ समय में प्रदर्शन के दायरे में काफी विस्तार हुआ है.

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प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस तरह-तरह के उपाय कर रही है. इस दौरान की गई पुलिस कार्रवाई की आलोचना भी हो रही है. पुलिस की फ्लैश बॉल फायरिंग में कम से कम एक व्यक्ति के एक आंख की रोशनी खोने की सूचना है.

बीते बुधवार को सरकार ने साफ तौर पर कहा था कि प्रदर्शनकारियों ने अगर हिंसा की तो पुलिस फ्लैश बॉल फायरिंग करने से नहीं हिचकेगी. हालांकि पूरे यूरोप में इस तरह की बंदूक का इस्तेमाल करने पर रोक लगी हुई है. लेकिन फ्रांस की सर्वोच्च प्रशासनिक अदालत ने इसके इस्तेमाल की इजाजत दे रखी है.

आंतरिक मामलों के मंत्री क्रिस्टोफर कास्टनर ने कहा, “ये सच है कि इस तरह के हथियार चोट पहुंचा सकते हैं, लेकिन विद्रोह का मुकाबला करने के लिए पुलिस द्वारा इनका प्रयोग जरूरी है.”

आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक जब से प्रदर्शन शुरू हुए हैं तब से अब तक करीब एक हजार सात सौ प्रदर्शनकारी और एक हजार पुलिसकर्मी घायल हुए हैं.

शनिवार को हुए प्रदर्शन में येलो वेस्ट आंदोलनकारियों ने घायलों के प्रति संवेदना व्यक्त की और पुलिस के हथियारों के प्रयोग पर विरोध प्रकट किया. इन प्रदर्शनकारियों ने अपने हाथों में फ्रांस का झंडा ले रखा था और राष्ट्रपति का विरोध करते हुए प्रतीकों को थाम रखा था.


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