यस बैंक संकट केंद्र सरकार के वित्तीय संस्थानों के कुप्रबंधन का नतीजा: चिदंबरम


yes bank crisis is a part of financial mismanagement under govt watch

 

देश के पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने यस बैंक संकट के लिए केंद्र की बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि यस बैंक संकट केंद्र की बीजेपी सरकार की निगरानी में वित्तीय संस्थानों के कुप्रबंधन का हिस्सा है.

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में चिदंबरम ने आरबीआई और सरकार की जवाहदेही पर सवाल करते हुए कहा कि ऐसा क्यों है कि सरकार को यस बैंक द्वारा लगातार दिए जा रहे लोन के बारे में जानकारी नहीं थी.

उन्होंने पूछा, ‘क्या आरबीआई और सरकार में कोई जवाबदेह नहीं है? मार्च 2014 के बाद किस कमेटी या किसने नए लोन दिए जाने की स्वीकृति दी? क्या सरकार और आरबीआई इस बारे में अवगत नहीं थे कि यस बैंक बिना किसी रोकटोक के नए लोन दे रहा है?’

पी चिदंबरम की यह आलोचना ऐसे समय में आई है, जब आरबीआई ने तीन अप्रैल तक यस बैंक से 50,000 रुपये प्रति खाताधारक निकासी की सीमा तय की है. आरबीआई ने बैंक के बोर्ड को भी अपने नियंत्रण में ले लिया है.

चिदंबरम ने पूछा, ‘क्या सरकार और आरबीआई में किसी ने भी साल के अंत में यस बैंक की बैलेंस शीट नहीं देखी? तब कुछ क्यों नहीं बदला जब बैंक के सीईओ के बदला गया? तब कुछ क्यों नहीं बदला जब मई 2019 में आरबीआई के एक पूर्व डिप्टी गवर्नर को बैंक के बोर्ड में जगह दी गई?’


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