मोबाइल फोन पर जीएसटी बढ़कर 18 फीसदी हुआ
जीएसटी काउंसिल की 39वीं बैठक में मोबाइल फोन 18 फीसदी के टैक्स स्लैब में शामिल किया गया है. इससे पहले मोबाइल फोन 12 फीसदी के टैक्स स्लैब में था. मोबाइल फोन पर टैक्स में 6 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.
बदले हुए टैक्स स्लैब की वजह से आम लोगों के लिए मोबाइल फोन खरीदना महंगा हो जाएगा. विश्व भर में कोरोना वायरस महामारी की वजह से अर्थव्यवस्थाएं प्रभावित हो रही हैं. जिससे फोन की कीमत में तेजी आने की आशंका है. भारत में चीन के बने फोन का बड़ा बाजार है. कोरोना वायरस की वजह से सप्लाई प्रभावित होने के कारण ज्यादार ब्रांड के मोबाइल फोन महंगे हो रहे है.
जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मीडिया को बताया कि अब माचिस पर 12 फीसदी का जीएसटी लगेगा. पहले हाथ से बनाए गए माचिस पर 5 फीसदी और मशीन से बनाए गए माचिस पर 18 फीसदी का टैक्स लगता था. इसके अलावा जीएसटी नेटवर्क को और अधिक बेहतर बनाया जाएगा. इसके लिए आईटी कंपनी इन्फोसिस के को-फाउंडर नंदन नीलेकणी ने प्रजेंटेशन भी दिया है.
इसके अलावा एयरक्राफ्ट के मेंटेनेंस, रिपेयर एंड ओवरहॉल (MRO) सर्विस पर जीएसटी की दर में कटौती की गई है. पहले ये 18 फीसदी के स्लैब में आता था,अब घटाकर 5 फीसदी कर दिया गया है. जीएसटी काउंसिल ने ये फैसला भारत में MRO सर्विस को बढ़ावा देने के मकसद से लिया है.
निर्मला सीतारमण ने कारोबारियों को राहत देते हुए बताया कि वित्त वर्ष 2018-19 के लिए वार्षिक रिटर्न दाखिल करने की डेडलाइन को 30 जून 2020 तक बढ़ाया जाएगा. उन्होंने कहा कि 2 करोड़ रुपये से कम कुल कारोबार वाले टैक्सपेयर्स को वर्ष 2017-18 और वर्ष 2018-19 के वार्षिक रिटर्न के लिए लेट फीस नहीं देनी होगी. ये नियम विवरण के समाधान दाखिल करने में देरी होने पर भी लागू होगा.