जस्टिस रंजन गोगोई मामले में ‘बड़ी साजिश’ के आरोपों की जांच फिलहाल नहीं: जस्टिस पटनायक
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस एके पटनायक ने फिलहाल चीफ जस्टिस रंजन गोगोई मामले में अपनी जांच शुरू करने से मना कर दिया है. जस्टिस पटनायक को एक वकील के उस दावे की जांच करनी है जिसमें उसने रंजन गोगोई पर लगे आरोपों को बड़ी साजिश करार दिया गया है.
जस्टिस पटनायक ने कहा है कि जब तक इस मामले में आंतरिक जांच पूरी नहीं हो जाती वे अपनी जांच शुरू नहीं करेंगे. पूर्व जज ने कहा कि साजिश के दावे की जांच को फिलहाल रोका जा सकता है, क्योंकि इसकी कोई समय सीमा नहीं है.
जस्टिस पटनायक ने द हिंदू से फोन पर बात करते हुए कहा, “जब तक आंतरिक जांच पूरी नहीं हो जाती मैं जांच शुरू नहीं करूंगा. अगर आप सुप्रीम कोर्ट के आदेश को देखें तो इसमें मुझे अपनी जांच पूरी करने के लिए कोई समय सीमा नहीं दी गई है…मुझे लगता है कि जस्टिस बोबड़े कमिटी की जांच के साथ किसी तरह का टकराव ना हो इसके लिए मैं उनकी जांच पूरी होने का इंतजार करूंगा…उसे पूरी होने देते हैं.”
वैसे जांच टालने का फैसला जस्टिस पटनायक का खुद का फैसला है. इस बारे में कोर्ट से कोई निर्देश नहीं मिला है. दूसरी तरफ जस्टिस अरुण मिश्रा की अगुआई में मामले की सुनवाई के लिए गठित विशेष बेंच की ओर से कहा गया था कि साजिश की जांच से यौन शोषण के आरोपों की जांच प्रभावित नहीं होगी.
जस्टिस पटनायक ने कहा कि प्राथमिकता का विषय शिकायत की आंतरिक जांच है. आंतरिक जांच के लिए गठित पैनल में जस्टिस बोबड़े के अलावा जस्टिस इंदु मल्होत्रा और इंदिरा बनर्जी भी शामिल हैं.
जस्टिस पटनायक के शब्द इस ओर इशारा कर रहे थे कि समानांतर जांच से पीड़िता के अपने बचाव में बेंच के सामने रखी गई रखी गई दलीलें प्रभावित हो सकती हैं.
इस मामले में उत्सव सिंह नाम के एक वकील ने दावा किया है कि जस्टिस रंजन गोगोई पर लगाए गए आरोप बड़ी साजिश का हिस्सा हैं. उत्सव सिंह के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के कर्मचारी और कुछ नाराज उद्योगपति सुप्रीम कोर्ट और जस्टिस गोगोई को निशाना बनाने की कोशिश कर रहे हैं.
इस मामले में उत्सव सिंह ने अपने हलफनामे में दावा किया है कि उसे रंजन गोगोई पर झूठा मुकदमा करने के एवज में 1.5 करोड़ रुपये रिश्वत के रूप में देने की कोशिश की गई.
जब जस्टिस पटनायक से पूछा गया कि वे इस मामले की जांच किस आधार पर करेंगे, तो उन्होंने कहा कि उत्सव सिंह का हलफनामा पहले से है, मैं इस मामले में सीबीआई और दूसरी संस्थाओं की मदद लूंगा. मैं स्वतंत्र रूप से अपने विवेक का इस्तेमाल करूंगा.