बड़ी मंदी का अनुमान, आरबीआई ने दी राहत


budget won't impact inflation very much says RBI governor

 

कोरोना वायरस महासंकट के बीच शुक्रवार को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने राहत की घोषणाएं की हैं. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया है कि रिवर्स रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती की गई है. अब ये 4 फीसदी से घट कर 3.75 फीसदी हो गई है. नकदी संकट को दूर करने के लिए बैंक की तरफ से बाजार में 50 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा, ताकि नकदी में किसी तरह की कमी ना आए. बैंक की ओर से नाबार्ड, एनएचबी, एनबीएफसी समेत अन्य क्षेत्रों में भी 50 हजार करोड़ की अतिरिक्त मदद दी जाएगी, ताकि नीचे तक मदद पहुंच सके.

प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरबीई गवर्नर ने कहा कि कोरोना संकट के बीच बैंक सभी हालात पर नजर रखे हुए है, कदम-कदम पर फैसले लिए जा रहे हैं. कोरोना संकट की वजह से जीडीपी की रफ्तार घटेगी, लेकिन बाद में ये फिर तेज रफ्तार से दौड़ेगी. इस वक्त 150 से अधिक अधिकारी लगातार क्वारनटीन होकर भी काम कर रहे हैं और हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं. शक्तिकांत दास ने कहा कि IMF ने इस बात का अनुमान लगाया है कि दुनिया में सबसे बड़ी मंदी आने वाली है, जो कि खतरे की घंटी है. कई देशों में आयात और निर्यात में भारी गिरावट देखने को मिली है.

कोरोना संकट की वजह से भारत की जीडीपी 1.9 की रफ्तार से बढ़ेगी, जी 20 देशों में ये सबसे बेहतर स्थिति है. दुनिया में 9 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान होने का अनुमान है. लेकिन जब कोरोना का दौर चला जाएगा तो भारत की जीडीपी एक बार फिर 7 से अधिक की रफ्तार से बढ़ेगी.

शक्तिकांत दास ने कहा कि इस संकट के बीच भी कृषि क्षेत्र टिकाऊ है, हमारे पास बफर स्टॉक है. उन्होंने कहा कि इस साल मॉनसून की बारिश अच्छा रहने का अनुमान है, फरवरी में ट्रैक्टर की बिक्री में अच्छी बढ़त हुई थी. आरबीआई गवर्नर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मार्च 2020 में निर्यात में भारी गिरावट आई है, इसके बावजूद विदेशी मुद्रा भंडार 476 अरब डॉलर का है जो 11 महीने के आयात के लिए काफी है. दुनिया में कच्चे तेल के दाम लगातार घट रहे हैं, जिससे फायदा हो सकता है.

गौरतलब है कि कोरोना संकट की वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था की हालत काफी खराब है. लॉकडाउन की वजह से लगभग सभी तरह के काम-धंधे बंद पड़े हैं और हर दिन 35 हजार करोड़ का नुकसान हो रहा है. लॉकडाउन के पहले चरण में ही देश की जीडीपी को करीब 8 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है. दुनिया भर के केंद्रीय बैंक अपनी इकोनॉमी को बचाने के लिए एक्टिव हैं और रिजर्व बैंक भी इस मामले में पीछे नहीं है.

सेंसेक्स में 1,050 अंकों की उछाल

आरबीआई गवनर्र की प्रेस कांफ्रेंस से पहले खुले शेयर बाजार में जबरदस्त देखी गई है. बीएसई सेंसेक्स 1,050 अंकों की बढ़त के साथ कारोबार कर रहा था. बेहतर ग्लोबल संकेतों के बीच सेंसेक्स और निफ्टी में भी तेजी के साथ कारोबार की शुरुआत हुई है. दिग्गज शेयरों के साथ ही मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में भी तेजी देखने को मिल रही है. बीएसई का मिडकैप इंडेक्स 2.17 फीसदी की तेजी के साथ कारोबार कर रहा है. वहीं, बीएसई का स्मॉलकैप इंडेक्स 1.66 फीसदी की बढ़त के साथ कारोबार कर रहा है. तेल-गैस शेयरों में भी आज तेजी नजर आ रही है. बीएसई का ऑयल एंड गैस इंडेक्स 2.15 फीसदी की तेजी के साथ कारोबार कर रहा है.

27 मार्च को दी थी जनता को राहत

इसके पहले 27 मार्च को आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने रेपो रेट में 75 बेसिस पाइंट की कटौती करते हुए इसे 4.4 पर्सेंट कर दिया. माना जा रहा है कि इस कदम से लोगों को उनकी ईएमआई में राहत मिलेगी. साथ ही कम रेट पर कर्ज भी मिलेगा. इस कदम से बैंकों को अपनी लिक्विडिटी बढ़ाने में मदद मिलेगी. साथ ही वे ज्यादा कर्ज भी दे सकेंगे.


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