मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में एक करोड़ से अधिक पेड़ काटे गए
पर्यावरण राज्य मंत्री बाबुल सुप्रियो ने लोकसभा में बताया है कि पिछले पांच सालों में देश भर में 1,09,75,844 पेड़ों की कटाई की गई. संसद में पूछे गए एक सवाल के जवाब में उनकी ओर से जानकारी दी गई कि पर्यावरण, वन और जलवायू परिवर्तन मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले देहरादून स्थित भारतीय वन सर्वेक्षण संस्थान देश भर के वनों का मूलयांकन करता है.
संस्थान की सर्वेक्षण रिपोर्ट भारतीय राज्य वन रिपोर्ट (आईएसएफआर) में छापी जाती है.
आईएसएफआर-2017 के अनुसार देश भर में वन और वृक्षों का कुल क्षेत्रफल 8,02,088 वर्ग किलोमीटर है. इसमें से वन 7,08,273 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला है और वृक्ष 93,815 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैले हैं. यह देश के कुल भौगोलिक क्षेत्र का 24.39 फीसदी है.
आईएसएफआर-2015 की रिपोर्ट की तुलना में इस बीच 8,021 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में इजाफा हुआ है. इसमें वन 6,778 वर्ग किलोमीटर अधिक क्षेत्र और वृक्ष 1,243 वर्ग किलोमीटर अधिक क्षेत्र में फैला है.
26 जुलाई को सांसद रवि किशन और राजीव प्रताप रूड़ी ने संयुक्त रूप से सवाल पूछा था कि वर्तमान में देश में वनों और वृक्षों का भौगोलिक क्षेत्रफल कितना है. इसके अलावा पिछले पांच सालों में विकास कार्य, निर्माण कार्य, जंगलों में लगी आग से या अन्य किसी वजह से पेड़ों की संख्या में कितनी कमी आई है.
साथ ही यह भी पूछना है कि केन्द्र सरकार ने नए पेड़ लगाने के लिए क्या-क्या कदम उठाए हैं. साथ ही पूछा गया था कि पिछले चार सालों में कितने पेड़ लगाए गए हैं.
इसके अलावा उन्होंने सवाल पूछा था कि क्या सरकार ने बजट में पेड़ लगाने या वनों के विस्तार के लिए कोई प्रावधान बनाया है.
वन संरक्षण अधिनियम (1980) के तहत दी गई मंजूरी से अधिक संख्या में पेड़ों की कटाई की गई है.
नीचे हर साल काटे गए पेड़ों का आंकड़ा दिया गया है.
2014-15 – 23,34,319
2015-16 – 16,96,917
2016-17 – 17,01,416
2017-18 – 25,52,146
2018-19 – 26,91,028