माकपा ने प्रस्तावित नई शिक्षा नीति को संघीय ढांचे के खिलाफ बताया
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी(माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी ने केन्द्र सरकार की ओर से प्रस्तावित नई शिक्षा नीति के कुछ प्रावधानों पर सवाल उठाए हैं. येचुरी ने मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक से नई शिक्षा नीति के मसौदे पर पुनर्विचार करने की मांग की है.
येचुरी ने निशंक को पत्र लिखकर कहा है कि प्रस्तावित राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2019 के मसौदे के अध्याय 23 में केन्द्र सरकार के अधिकारों के केन्द्रीकरण के प्रावधानों का जिक्र है, संघीय ढांचे के खिलाफ ये प्रावधान राज्य सरकारों के अधिकारों का हनन करते हैं.
केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने हाल ही में प्रस्तावित शिक्षा नीति का मसौदा जारी कर सभी पक्षों से इस पर सुझाव देने को कहा है.
येचुरी ने कहा कि प्रस्तावित शिक्षा नीति भारतीय शिक्षा प्रणाली को न सिर्फ सांप्रदायिकता की ओर ले जाएगी बल्कि इससे शिक्षा व्यवस्था का केन्द्रीकरण और बाजारीकरण भी होगा. उन्होंने कहा कि यह नीति समान रूप से सभी को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुविधा मुहैया कराने के बजाए आर्थिक रूप से संपन्न वर्गों की हितैषी बनेगी.
उन्होंने प्रस्तावित नीति के बारे में माकपा के विश्लेषण का हवाला देते हुए कहा कि इसका स्वरूप देशहित में नहीं होने के कारण मौजूदा प्रावधानों के साथ यह स्वीकार्य नहीं है. उन्होंने कहा कि इस नीति के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से विचार करने की जरूरत है.