नोटबंदी के बावजूद चुनावों में जमकर हुआ कालेधन का इस्तेमाल
PTI
पांच राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनाव के दौरान कालेधन की व्यापक पैमाने पर हुई धरपकड़ के आंकड़े बताते हैं कि नोटबंदी के बावजूद चुनाव में धनबल के इस्तेमाल में कमी नहीं आई है.
आकंड़ों की माने तो पिछले विधानसभा चुनावों की तुलना में इस बार कालाधन ज्यादा मात्रा में पकड़ा गया. चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, इन राज्यों में पिछले चुनाव की तुलना में जब्त की गई अवैध धनराशि में बढ़ोतरी हुई है.
इससे, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ओ पी रावत की उस आशंका को भी बल मिला है जिसमें उन्होंने नोटबंदी से चुनाव में कालेधन पर नकेल कसने के सरकार के दावे पर सवाल खड़े किये थे. रावत ने कहा था कि नोटबंदी के बावजूद इन पांच राज्यों के चुनाव में कालाधन पिछली बार की तुलना में ज्यादा जब्त किया गया.
चुनाव के दौरान अवैध रकम, शराब, नशीले पदार्थ और कीमती जेवरात की धरपकड़ संबंधी चुनाव आयोग के आंकड़े दर्शाते हैं कि इन राज्यों में आचार संहिता लागू होने के बाद गैरकानूनी चींजों का जमकर इस्तेमाल हुआ.
इस दौरान लगभग 168 करोड़ रुपये नकद बरामद किए गए. बीते 7 दिसंबर को पांचों राज्यों में मतदान संपन्न होने के बाद आयोग की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक जब्त किए गए 168 करोड़ रुपये में अकेले तेलंगाना की हिस्सेदारी 115.19 करोड़ रुपये है.
साल 2014 में आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव में 195 करोड़ रुपये का कालाधन बरामद किया गया था.
इससे काफी पीछे रहते हुए मध्य प्रदेश 30.93 करोड़ रुपये के साथ दूसरे और राजस्थान 12.85 करोड़ रुपये की बरामदगी के साथ तीसरे पायदान पर रहा. पिछले चुनाव के दौरान मध्य प्रदेश में कालेधन, मादक द्रव्य और अवैध शराब सहित बरामद की गई दूसरी सामग्री की कीमत 27 करोड़ रूपये थी.
इसी तरह राजस्थान में भी 2013 के चुनाव की तुलना में बरामद अवैध रकम में लगभग एक करोड़ रुपये का इजाफा हुआ है.
आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक तेलंगाना में पैसा और शराब पानी की तरह बहाया गया. इस छोटे से नवगठित राज्य ने अवैध रूप से धनबल के इस्तेमाल के मामले में बाकी चारों राज्यों को काफी पीछे छोड़ दिया.
तेलंगाना में 115.19 करोड़ रुपये के कालेधन की बरामदगी के अलावा 12.26 करोड़ रुपये कीमत की 5.45 लाख लीटर शराब, और 17.66 किग्रा सोना सहित 6.79 करोड़ रुपये कीमत की बेशकीमती धातुओं के आभूषण जब्त किए गए.
इसके अलावा राजस्थान में चुनाव के दौरान धनबल के अलावा शराब और अन्य नशीले पदार्थों का सर्वाधिक इस्तेमाल हुआ. राज्य में चुनाव आयोग के निगरानी दलों ने सात दिसंबर तक 39.49 करोड़ रुपये की 6.04 लाख लीटर शराब जब्त की. इतना ही नहीं, नशीले पदार्थों के मामले में भी राजस्थान में दूसरे राज्यों की तुलना में सबसे ज्यादा 14.58 करोड़ रुपये कीमत के चरस, गांजा, अफीम आदि नशीले पदार्थ (38572 किग्रा) पकड़े गए.