डेनमार्क की सत्ता में लेफ्ट विंग की वापसी


denmark election: red block is set to win

  ट्विटर

यूरोपीय देश डेनमार्क में हुए आम चुनाव में लेफ्ट सत्ता में वापसी करने जा रहा है. अब तक करीब 95 फीसदी वोटों की गिनती हो चुकी है, जिनमें रेड ब्लॉक बहुमत की ओर बढ़ता दिख रहा है.

इस खेमे की सोशल डेमोक्रेट पार्टी ने अब तक गिनी गई वोटों में से 26.4 फीसदी वोट हासिल किए हैं.

वहीं दूसरी ओर राइट विंग, सत्ताधारी ब्लू ब्लॉक काफी पीछे चल रहा है. हालांकि प्रधानमंत्री लार्स लोकी दूसरा नंबर हासिल करने में सफल रहे हैं. उनकी पार्टी को अब तक 23.8 फीसदी वोट मिली हैं.

वोट फीसद के हिसाब से डेनमार्क की मीडिया ने संभावित सीटों का जो आंकड़ा पेश किया है, उसके मुताबिक, रेड ब्लॉक को 91 सीटें और ब्लू ब्लॉक को 75 सीटें मिलने की संभावना है.

15 दिनों के अंतराल में ये दूसरी बार है, जब देश ने घोर दक्षिणपंथियों को नकार दिया है. इससे पहले यूरोपीय संसद के लिए हुए चुनाव में दक्षिणपंथी पार्टी डीडीपी को हार का मुंह देखना पड़ा था.

डेनमार्क चुनाव

डेनमार्क में बहुदलीय परंपरा है. इस छोटे से द्वीपीय देश में गठबंधन की सरकारें ही सत्ता संभालती आ रही हैं. यूं तो यहां बहुत सारी पार्टियां हैं. लेकिन ये सब मिलकर दो धड़ों में बंटी हुई हैं.

यहां लेफ्ट विंग को रेड ब्लॉक कहा जाता है और राइट विंग को ब्लू ब्लॉक के नाम से जाना जाता है. सभी पार्टियों ने इन्हीं दो गुटों से खुद को जोड़ रखा है.

ब्लू ब्लॉक

इस ब्लॉक की प्रमुख पार्टी डेनिस पीपुल्स पार्टी (डीडीपी) है. ये प्रवासी विरोधी पार्टी है, और इसी मुद्दे पर सत्ताधारी पार्टी का समर्थन करती रही है. डीडीपी पिछले आम चुनाव में दूसरे नंबर पर रही थी.

डेनमार्क लिबरल पार्टी (वेंसट्रे) अब तक सत्ता में रही गठबंधन की मुख्य पार्टी थी. प्रधानमंत्री लार्स लोकी भी इसी पार्टी से आते हैं.

लिबरल अलाएंस ब्लू ब्लॉक की एक अन्य बड़ी पार्टी है. 2016 से ये सत्ताधारी गठबंधन के साथ है. ये पार्टी देश में जनकल्याण के लिए टैक्स कट आदि की नीतियों का समर्थन करती है.

इसके अलावा ब्लू ब्लॉक में कंजरवेटिव पीपुल्स पार्टी भी शामिल है. अब तक ये सत्ताधारी गठबंधन में एक छोटी हिस्सेदार थी. न्याय मंत्री सोरेन पापे इसी पार्टी से आते हैं.

रेड ब्लॉक

इस ब्लॉक की सबसे बड़ी पार्टी सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी है. पिछले आम चुनाव में ये दूसरे नंबर पर रही थी, और अब तक विपक्ष की भूमिका निभा रही थी.

रेड-ग्रीन अलाएंस पार्टी घोर वामपंथी पार्टी के तौर पर जानी जाती है. ये पार्टी समाजवाद और पर्यावरण समर्थकों से मिलकर बनी है.

इसके अलावा इस खेमे में सोशलिस्ट पीपुल्स पार्टी भी शामिल है. रेड-ग्रीन की तरह इस पार्टी में उसी तरह की विचारधारा के लोग शामिल हैं.

दि अल्टरनेटिव पार्टी भी इसी खेमे में है. ये पार्टी यूरोपीय यूनियन की समर्थक है.

रेड ब्लॉक की एक और पार्टी डेनिस सोशल-लिबरल पार्टी है. ये एक मध्यम मार्गीय पार्टी है. फिलहाल इसको कुछ ज्यादा समर्थन प्राप्त नहीं है.

प्रमुख राजनीतिक मुद्दे

प्रवासी मुद्दा डेनमार्क के इस चुनाव में प्रमुख मुद्दा बताया जा रहा था. साल 2015 में जब से प्रवासी संकट पैदा हुआ है. डेनमार्क यूरोप के उन देशों में से है जिन्होंने सबसे कम प्रवासियों को अपने देश में पनाह दी है.

ब्लू ब्लॉक की पार्टियां प्रवासियों का खुलकर विरोध कर रही थीं. जबकि विपक्षी गठबंधन ने इस निर्णय पर सरकार की नीतियों की समीक्षा करने का वादा किया था.

इस चुनाव में एक नई घोर दक्षिणपंथी पार्टी हार्ड लाइन से डेनमार्क का साबका पड़ा. इस पार्टी के नेता रासमस पलाउडन नस्लवाद के दोषी पाए जा चुके हैं. उन पर कुरान जलाने का भी आरोप है. पलाउडन सारे मुसलमानों को देश से निकाल देना चाहते हैं.

इसके अलावा पर्यावरण भी डेनमार्क में एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन चुका है. इस यूरोपीय देश में ऐसा पहली बार है, जब मतदाता बड़े पैमाने पर पर्यावरण के मुद्दे पर होने वाली चर्चा को तवज्जो से रहे हैं.

स्वास्थ्य और पेंशन के मुद्दे भी इस चुनाव प्रचार के दौरान छाए रहे. अलग-अलग दलों ने इनको लेकर अपनी संभावित नीतियां पेश की.


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