उत्तर प्रदेश: प्रतिष्ठा मार्च में शामिल हुई महिला पर हमला


third of female lawyers is harassed finds international bar association study

 

उत्तर प्रदेश के एक गांव से एक महिला बलात्कार और हिंसा के खिलाफ प्रतिष्ठा मार्च में हिस्सा लेती है. वो मार्च में दलित-आदिवासियों और महिलाओं पर चल रहे उत्पीड़न पर हल्ला बोलती है. अपनी बेटी के साथ हुए बलात्कार और हिंसा के खिलाफ आवाज उठाती है. लेकिन अपने गांव लौटने पर उसे उसी तरह के उत्पीड़न का शिकार होना होता है. उस पर भीड़ इसलिए हमलावर होती है कि उसने जुल्म के खिलाफ आवाज बुलंद की.

महिला दिल्ली में हुए प्रतिष्ठा मार्च से लौटी थी. उसकी नाबालिग बच्ची के साथ बलात्कार हुआ था. लेकिन दिल्ली में हुए मार्च  को लेकर भीड़ महिला और उसके परिवार वालों पर टूट पड़ती है.

अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, 35-40 लोगों की भीड़ ने उस पर हमला किया. भीड़ ने उसके साथ उसकी दो बेटियों और सास को हिंसा का शिकार बनाया और उन्हें मारा-पीटा.

अखबार के मुताबिक, जब महिला प्रतिष्ठा मार्च में हिस्सा लेने के लिए घर से बाहर थी, तब गुंडों ने उसके घर तक चढ़ कर उसकी बेटियों और सास को धमकाया था. इसे लेकर पुलिस को सूचना दी गई और सुरक्षा की गुहार भी लगाई गई. लेकिन कोई सुरक्षा नहीं मिली.

नाबालिग पीड़िता के मजदूर पिता का कहना है कि बलात्कार से पहले सालों तक उसकी बेटी के साथ छेड़खानी और हिंसा होती आ रही थी, इसे लेकर पुलिस में शिकायत भी की, लेकिन कुछ नहीं हुआ. और एक दिन पुलिस-प्रशासन की लापरवाही ने बच्ची को बलात्कारियों का शिकार बना दिया.

अखबार के मुताबिक भीड़ के मार-पीट के बाद पुलिस ने मामले को दो समूहों के बीच का झड़प बता कर रफा-दफा कर देना चाहती थी. लेकिन गरिमा यात्रा के कार्यकर्ता के दवाब बनाने पर मामला दर्ज कर लिया गया.


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