विश्व कैंसर दिवस: सर्वाइकल कैंसर की जद में भारतीय महिलाएं


India women under high risk of Cervical Cancer

 

भारत में मध्यम आयु वर्ग की लगभग 50 फीसदी महिलाएं बेहद खतरनाक माने जाने वाले ह्यूमन पैपीलोमा वायरस (एचपीवी) से ग्रसित हैं. एचपीवी वायरस से ग्रसित महिलाओं को ही सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) होने की सबसे ज्यादा संभावना होती है. एसआरएल डायग्नोस्टिक्स के एक अध्ययन में ये बात सामने आई है.

एचपीवी असल में कई खतरनाक वायरसों का समूह है जिसका संक्रमण पूरी दुनिया में बहुत आम होता जा रहा है. तकनीकी तौर पर एचपीवी के 100 से अधिक प्रकार होते हैं लेकिन इनमें से 14 प्रकार के एचपीवी से ही कैंसर होता है. इन 14 एचपीवी को कैंसर के लिहाज से सबसे खतरनाक माना जाता है.

ये वायरस मुख्य रूप से यौन संबंध बनाते समय शरीर में आता है. ऐसे बहुत से मामले पाए गए हैं जिनमें पहली बार यौन संबंध बनाने के कुछ समय बाद ही लोग इस वायरस से संक्रमित हो गए.

जो 14 प्रकार के एचपीवी खतरनाक माने जाते हैं उनमें भी एचपीवी 16 और एचपीवी 18 ऐसे वायरस हैं जिनसे लगभग 70 फीसदी कैंसर के मामले होते हैं.

अध्ययन के अनुसार, साल 2014 से 2018 के बीच पूरे भारत में 4,500 महिलाओं में एचपीवी वायरस के संक्रमण की जांच की गई. इस जांच रिपोर्ट में पाया गया कि 31 से 45 वर्ष के आयु वर्ग की लगभग 47 फीसदी महिलाएं इस वायरस से संक्रमित हैं.

दूसरे नंबर पर 16 से 30 आयु वर्ग की महिलाएं हैं, जो इस वायरस से संक्रमित हैं.

विश्व भर में होने वाली एक-तिहाई मौतों का कारण सर्वाइकल कैंसर ही है. भारत में कैंसर से होने वाली मौतों में सर्वाइकल कैंसर दूसरा सबसे बड़ा कारण है. इसकी वजह से भारत में सालाना 74,000 महिलाओं की मौत होती है.

एसआरएल डायग्नोस्टिक्स के डॉक्टर बी.आर दास ने बताया कि सर्वाइकल कैंसर सिर्फ एक ऐसा कैंसर है, जिसका अगर शुरुआत में ही इलाज किया जाए तो इसे बढ़ने से रोका जा सकता है.

उन्होंने कहा कि विश्व भर में सर्वाइकल कैंसर से होने वाली उच्च मृत्यु दर को काबू किया जा सकता है. लेकिन, उसके लिए एक व्यापक दृष्टिकोण को अपनाने की जरूरत है. इसके लिए सही वक्त पर सही उपचार करना आवश्यक है.

उन्होंने कहा कि लड़कियों का यौन रूप से सक्रिय होने से पहले उन्हें वैक्सीन देना चाहिए. दूसरा, इसे रोकने के लिए नियमित रूप से चिकित्सकीय परीक्षण किया जाना चाहिए.


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