अधिकारी से मारपीट के मामले में कैलाश विजयवर्गीय के विधायक पुत्र गिरफ्तार


hearing on akash vijayvargiya bail plea on 29 june

 

बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय के विधायक बेटे आकाश विजयवर्गीय को क्रिकेट बैट से अधिकारी की पिटाई के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया है.

जर्जर मकान ढहाने गई इंदौर नगर निगम की टीम के साथ विवाद के दौरान बीजेपी के स्थानीय विधायक आकाश विजयवर्गीय ने शहरी निकाय के एक अफसर को क्रिकेट बैट से पीट दिया. पुलिस ने बीजेपी विधायक और दस अन्य लोगों पर गंभीर कानूनी प्रावधानों के तहत आपराधिक मामला दर्ज किया है.

आकाश (34) बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बेटे हैं और वह नवंबर 2018 में विधानसभा चुनाव जीतकर पहली बार विधायक बने.

इंदौर की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) रुचिवर्धन मिश्रा ने संवाददाताओं को बताया कि विजयवर्गीय और 10 अन्य लोगों के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 353 (लोक सेवक को भयभीत कर उसे उसके कर्तव्य निर्वहन से रोकने के लिये उस पर हमला), 294 (गाली-गलौज), 323 (मारपीट), 506 (धमकाना), 147 (बलवा) और 148 (घातक हथियारों से लैस होकर बलवा) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है.

एसएसपी ने बताया कि नगर निगम की टीम गंजी कम्पाउंड क्षेत्र के जिस जर्जर मकान को ढहाने गयी थी, वहां रहने वाली महिलाओं ने पुलिस को आवेदन देकर आरोप लगाया है कि शहरी निकाय के कुछ कर्मचारियों ने उनके घर में जबरन घुसकर उनसे अभद्रता की, इस आवेदन पर जांच के बाद उचित कदम उठाये जायेंगे.

नगर निगम के भवन निरीक्षक धीरेंद्र बायस (46) ने एमजी रोड पुलिस थाने में दर्ज कराई रिपोर्ट में कहा कि वह सरकारी दल-बल के साथ खतरनाक रूप से जर्जर मकान को ढहाने पहुंचे, तो बीजेपी विधायक आकाश विजयवर्गीय ने मौके पर पहुंचकर उन्हें कथित तौर पर धमकाते हुए वहां से चले जाने को कहा.

बायस ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि बीजेपी विधायक ने नगर निगम के दल से कहा कि वह जर्जर मकान को ढहाने की कार्रवाई नहीं होने देंगे और अगर यह दल 10 मिनट के भीतर मौके से रवाना नहीं हुआ, तो उसे मार-पीटकर भगा दिया जाएगा.

निगम अधिकारी ने कहा कि इस धमकी को अनसुना कर जब दल जर्जर मकान ढहाने की तैयारी कर रहा था, तभी बीजेपी विधायक क्रिकेट का बैट लेकर आये और उसे बैट से पीटना शुरू कर दिया. इस दौरान बीजेपी विधायक के करीब 100 समर्थक उनके साथ थे.

शिकायत में आरोप लगाया गया है कि बीजेपी विधायक के समर्थकों ने भी इस अधिकारी और नगर निगम के अन्य कर्मचारियों से मारपीट और गाली-गलौज की. इसके साथ ही, नगर निगम की अर्थ मूविंग मशीनों और जीपों में तोड़-फोड़ की.

उधर, आकाश विजयवर्गीय ने आरोप लगाया, “नगर निगम के अधिकारी मकान मालिकों से सांठ-गांठ कर शहर के पक्के मकानों को बेवजह जर्जर घोषित कर तोड़ रहे हैं, ताकि इनमें बरसों से रह रहे लोगों को जबरन बाहर निकाला जा सके. पक्के मकानों को ढहाये जाने के बाद सूबे में सत्तारूढ़ कांग्रेस के नेताओं द्वारा इन जगहों पर जबरन कब्जा किया जा रहा है. हम इस बात का विरोध कर रहे थे.”

विजयवर्गीय ने कहा, “गंजी कम्पाउंड के एक मकान को खाली कराने के लिये कल (25 जून) को नगर निगम ने नोटिस भेजा था. मैंने खुद निगम आयुक्त से बात कर उन्हें बताया था कि यह मकान उतना जर्जर नहीं है और इसे खाली करने के लिये किरायेदारों को थोड़ी मोहलत दी जानी चाहिए. लेकिन मेरी गुजारिश को सरासर अनसुना कर दिया गया और मकान ढहाने के लिये आज (26 जून) को नगर निगम की टीम भेज दी गयी।”

इस बीच, निगम अधिकारी से बीजेपी विधायक की मारपीट की निंदा करते हुए कांग्रेस ने सूबे के प्रमुख विपक्षी दल पर निशाना साधा. प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता नीलाभ शुक्ला ने कहा, “बीजेपी विधायक के बर्ताव से इस पार्टी का असली चाल, चरित्र और चेहरा सामने आ गया है. इसके साथ ही, बीजेपी के स्थानीय धड़ों में फूट भी जाहिर हो गयी है, क्योंकि नगर निगम पर बीजेपी का ही राज है और महापौर मालिनी लक्ष्मण सिंह गौड़ से विजयवर्गीय खेमे की खींचतान चल रही है.”


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