कोलकाता के विद्यार्थियों को मिला धर्म का विकल्प, खुद को लिख सकेंगे ‘गैर-धार्मिक’ और ‘धर्मनिरपेक्ष’
कोलकाता के कुछ कॉलेजों में विद्यार्थी एडमिशन फॉर्म में धर्म के अंतर्गत विकल्प के रूप में इंसानियत, धर्मनिरपेक्ष, गैर-धार्मिक और नास्तिक आदि लिख सकेंगे. दि टेलीग्राफ की खबर है कि कोलकाता के बेथून कॉलेज ने अपने एडमिशन फॉर्म में धर्म के अंतर्गत ‘मानवतावादी’ लिखने का विकल्प दिया है.
वहीं स्कॉटिश चर्च कॉलेज में अब विद्यार्थी अपनी पहचान ‘धर्मनिरपेक्ष’ और ‘गैर-धार्मिक’ के रूप में बता सकेंगे. सेठ आनंदरन जयपुरिया कॉलेज में भी एडमिशन लेते वक्त विद्यार्थी ‘नास्तिक’ होना चुन सकते हैं.
बेथून कॉलेज के शिक्षकों का कहना है कि उन्होंने कई बार छात्रों को विश्वविद्यालय के पंजीकरण फॉर्म में धर्म के कॉलम में ‘मानवतावाद’ लिखते पाया है.
बेथून कॉलेज में एडमिशन समिति के संयोजक कमल कांती सोम ने कहा, “कई विद्यार्थी हैं जों धर्म को महत्व नहीं देते हैं. हमने सोचा कि अगर कोई विकल्प हो तो विद्यार्थी फॉर्म भरते वक्त वे विकल्प चुन सकते हैं.”
बेथून कॉलेज की प्रिंसिपल ममता रे ने कहा, “कॉलेज पहले भी ‘मानवतावाद’ चुनने का विकल्प देता था. हर कोई मानवतावाद में यकीन रखता है. यह आवेदक के उपर है कि वह खुद को किस रूप में पहचान देना चाहता है. आवेदक अपना विशिष्ट धार्मिक पहचान बताने के लिए स्वतंत्र है. जो भी विकल्प विद्यार्थी चुनते हैं, उससे उनके एडमिशन पर कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ेगा.”
स्कॉटिश चर्च कॉलेज की प्रिंसिपल अर्पिता मुखर्जी ने कहा, “189 साल पुराने कॉलेज में धर्म के अंतर्गत ‘धर्मनिरपेक्ष’ और ‘गैर-धार्मिक’ का विकल्प देने का फैसला एडमिशन फॉर्म डिजाइन करते वक्त लिया गया था. आज के दौर में यह जरूरी है कि विद्यार्थियों को ‘धर्मनिरपेक्षता’ का संदेश दिया जाए. अगर विद्यार्थियों का मस्तिष्क धर्मनिरपेक्ष होगा तो समाज में शांति होगी.”
जयपुरिया कॉलेज के प्रिंसिपल अशोक मुखोपाध्याय ने कहा, “सभी विद्यार्थियों में ‘धार्मिक’ और’ गैर-धार्मिक’ दोनों हो सकते हैं. यह पूर्ण रूप से विद्यार्थियों पर निर्भर है कि वे खुद को किस रूप में पहचान देना चाहते हैं.”
जादवपुर विश्वविद्यालय की रजिस्ट्रार स्नेहामंजू बासु ने कहा, “जादवपुर विश्वविद्यालय में एडमिशन लेने के लिए विद्यार्थियों को अपनी धार्मिक पहचान बताने की जरूरत नहीं होती है. विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति पाने के लिए यह बताना जरूरी होता है कि वे अल्पसंख्यक समुदाय से हैं या नहीं. विद्यालय में प्रवेश के लिए मेरिट एकमात्र मानदंड होना चाहिए. इसलिए हम आवेदकों से उनकी कोई भी धार्मिक पहचान नहीं मांगते हैं.”
अमेरिका के 800 से ज्यादा कॉलेज एडमिशन एप्लिकेशन फॉर्म में धर्म के अंतर्गत ‘अज्ञेयवादी’, ‘नास्तिक’, ‘वैज्ञानिक’, ‘एकजुटतावादी’, ‘सार्वभौमिकतावादी’ और ‘कुछ भी नहीं’ चुनने का विकल्प देते हैं. इनमें हार्वर्ड विश्वविद्यालय और स्टैनफॉर्ड विश्वविद्यालय भी शामिल हैं. सिंगापुर के नन्यांग टेक्नॉलोजिकल विश्वविद्यालय में एडमिशन फॉर्म में आवेदक “फ्री थिंकर” विकल्प चुन सकते हैं.