20 फरवरी को होगा फिर से किसानों का विशाल मार्च


Maharashtra govt trying to disrupt farmers long march claims all india kisan sabha

 

अखिल भारतीय किसान सभा (एआईकेएस) 20 फरवरी को दूसरी सबसे बड़ी मार्च करने वाली है. यह मार्च नासिक से शुरू होकर मुंबई तक जाएगी. किसानों का आरोप है कि उनकी मांगों को दबाया जा रहा है. उन्होंने दावा किया कि राज्य सरकार उनके नेताओं की गिरफ्तारी कर मार्च को बाधित करने का प्रयास कर रही है.

एआईकेएस ने कहा, “13 फरवरी को अहमदनगर में मार्च की तैयारी के लिए एक बड़े किसान सम्मेलन का आयोजन किया गया था और जिला कलेक्टर को इसका ज्ञापन सौंपा गया. उस समय कोई शांति भंग नहीं हुई थी और पुलिस से सभी आवश्यक अनुमति ले ली गई थी. लेकिन सिर्फ इस सभा के आयोजन के लिए, एआईकेएस के राज्य महासचिव डॉ अजीत नवाले के खिलाफ पुलिस मामले दर्ज किए गए हैं और उन्हें गिरफ्तार करने के प्रयास जारी हैं. यह साफ तौर पर स्पष्ट है कि इन कदमों के पीछे कौन है.”

पिछले साल मार्च में, लगभग 40,000 किसानों ने कृषि क्षेत्र में संकट के लिए सरकार की प्रतिक्रिया के खिलाफ राज्य विधानमंडल के बाहर विरोध करने के लिए मुंबई की ओर एक मार्च किया था.

सीपीएम से संबद्धित अखिल भारतीय किसान सभा द्वारा “लॉन्ग मार्च” बुलाया गया था. प्रदर्शनकारी किसानों को बाद में राज्य सरकार द्वारा लिखित में यह आश्वासन दिया गया कि उनकी मांगों को स्वीकार कर लिया जाएगा.

इन मांगों में वन भूमि के शीर्षकों के लिए आवेदन के संबंध में लंबित अपीलें शामिल हैं.

पांच फरवरी को दूसरी मार्च अनॉउंस की गई थी उस समय एआईकेएस ने कहा था, एक साल हो गए मगर अब तक सरकार ने अपना वादा पूरा नहीं किया है. इस बात को लेकर किसानों के बीच असंतोष है.

मार्च 27 फरवरी मुंबई पहुंचेगी जिस दिन विधान सभा का बजट सत्र होगा.

एआईकेएस ने कहा, “एआईकेएस सरकार के इस कृत्य की लोकतांत्रिक और शांतिपूर्ण सत्याग्रह संघर्ष को कुचलने की कोशिश के रूप में निंदा करता है. एआईकेएस ने चेतावनी दी है कि सरकार के ऐसे दमनकारी प्रयास इस मार्च को रोकने में सफल नहीं होंगे. सरकार को यह महसूस करना चाहिए कि किसानों की उचित मांगों को स्वीकार करके और उन्हें लागू करके हल किया जा सकता है.”

इससे पहले 21 नवंबर को ठाणे से मुंबई के लिए किसानों का दो दिवसीय मार्च शुरू हुआ था. मुंबई के आजाद मैदान में प्रदर्शन कर रहे किसान विधानसभा के बाहर पहुंच गए थे. वे लिखित आश्वासन की मांग कर रहे हैं. सूखा राहत और आदिवासियों को भूमि अधिकार देने की मांग कर रहे हजारों किसान दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान के लिए तड़के सुबह कूच किए थे.

दो फरवरी को डीएनडी फ्लाई-वे पर किसानों ने धरना दिया था. जिलाधिकारी बीएन सिंह के लिखित आश्वासन के बाद किसानों ने अपना धरना समाप्त किया हुआ था. भूमि अधिग्रहण में कथित धांधली की सीबीआई जांच की मांग को लेकर किसान बीते दो दिन से आंदोलनरत थे.


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