मायावती को लौटाना पड़ सकता है मूर्तियों पर खर्च हुआ सरकारी पैसा
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि बसपा प्रमुख मायावती को अपनी और पार्टी चुनाव चिन्ह ‘हाथी’ की मूर्तियों को बनाने में खर्च हुआ सारा सरकारी धन लौटाना चाहिए.
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच ने एक अधिवक्ता की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की.
इस मामले में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि बसपा प्रमुख मायावती को लखनऊ सहित नोएडा में अपनी और बसपा के चुनाव चिह्न हाथी की मूर्तियां बनवाने पर खर्च किया गया सारा सरकारी धन लौटाना चाहिए.
अधिवक्ता रवि कांत ने 2009 में दायर अपनी याचिका में दलील दी है कि सार्वजनिक धन का प्रयोग अपनी मूर्तियां बनवाने और राजनीतिक दल का प्रचार करने के लिए नहीं किया जा सकता.
बेंच ने कहा, ‘‘हमारा ऐसा विचार है कि मायावती को अपनी और अपनी पार्टी के चुनाव चिह्न की मूर्तियां बनवाने पर खर्च हुआ सार्वजनिक धन सरकारी खजाने में वापस जमा करना होगा.’’
हालांकि, बेंच ने कहा कि इस याचिका पर विस्तार से सुनवाई में वक्त लगेगा, इसलिए इसे अप्रैल में अंतिम सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाता है.
इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने पर्यावरण को लेकर व्यक्त की गई चिंता को देखते हुए इस मामले में कई अंतरिम आदेश और निर्देश दिए थे.
यही नहीं, निर्वाचन आयोग को भी निर्देश दिए गए थे कि चुनाव के दौरान इन हाथियों को ढका जाए.
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि मायावती ने मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान अपना महिमामंडन करने के इरादे से इन मूर्तियों के निर्माण पर 2008-09 के दौरान सरकारी खजाने से करोड़ों रुपये खर्च किए.