बजट 2019 की अहम बातें


most import outcomes of budget 2019

 

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले बजट को पेश किया. उन्होंने न्यू इंडिया का जिक्र करते हुए कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था को पांच ट्रिलियन डॉलर का बनाना है. इसके लिए उन्होंने संरचनात्मक बदलाव की बात कही. हालांकि उन्होंने इस लक्ष्य को पाने के लिए भविष्य की रूपरेखा का जिक्र नहीं किया. फिलहाल भारत की अर्थव्यवस्था 2.7 ट्रिलियन डॉलर की है. निर्मला सीतारमण ने बेरोजगारी पर कुछ भी नहीं कहा.

अब बैंको से सालभर में एक करोड़ से अधिक रकम की निकासी पर दो फीसदी टीडीएस लगेगा.

कर में वृद्धि के प्रस्तावों से पेट्रोल, डीजल, सोना, चांदी, सिगरेट और एसी महंगे होंगे. इसके विपरीत बैट्री से चलने वाले वाहनों के कल-पुर्जे, कैमरा मॉडयूल, मोबाइल फोन के चार्जर और सेटअप बॉक्स पर कर में राहत दी गयी है.

पेट्रोल और डीजल पर प्रति लीटर एक रुपये अतिरिक्त विशेष उत्पाद शुल्क और उपकर लगाने की घोषणा की गई है.

बजट से महंगे होने वाले प्रमुख उत्पाद हैं:

पेट्रोल और डीजल, सिगरेट, हुक्का और तंबाकू, सोना और चांदी, पूरी तरह आयातित कार (इंपोर्टेड कार, स्पिल्ट एसी, लाउडस्पीकर, डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर, आयातित किताबें, सीसीटीवी कैमरे, काजू गिरी, आयातित प्लास्टिक, साबुन के निर्माण में काम आने वाला कच्चा माल, विनाइल फ्लोरिंग, ऑप्टिकल फाइबर, सेरामिक टाइल और वाल टाइल्स, वाहनों के आयातित कल-पुर्जे, न्यूजप्रिंट और अखबारों एवं मैगजीनों के प्रकाशन के लिए इस्तेमाल में लाये जाने वाले कागज, संगमरमर की पट्टियां

बजट से सस्ते होने वाले उत्पाद

बैट्री से चलने वाले वाहनों के कल-पुर्जे, कैमरा मॉड्यूल और मोबाइल फोन के चार्जर, सेटअप बॉक्स, यातित रक्षा उपकरण, जिनका निर्माण भारत में नहीं किया गया हो.

एफडीआई नियमों में ढील

सरकार ने मीडिया, विमानन, बीमा और एकल ब्रांड खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के नियमों को उदार करने का प्रस्ताव किया है.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2019-20 का बजट पेश करते हुए यह प्रस्ताव किया. उन्होंने कहा कि बीते वित्त वर्ष में देश में 64.37 अरब डॉलर का एफडीआई आया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष यानी 2017-18 से छह प्रतिशत अधिक है.

वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार विमानन, मीडिया, एवीजीसी (एनिमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग और कॉमिक्स) तथा बीमा क्षेत्रों को एफडीआई के लिए और खोलने को अंशधारकों के साथ विचार विमर्श करेगी.’’

वित्त मंत्री ने कहा कि बीमा क्षेत्र की मध्यस्थ इकाइयों के लिए 100 प्रतिशत एफडीआई की मंजूरी दी जाएगी. साथ ही एकल ब्रांड खुदरा क्षेत्र में स्थानीय खरीद के नियमों में ढील दी जाएगी. अभी एफडीआई नीति के तहत बीमा क्षेत्र में 49 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति है.

अभी समाचार पत्रों तथा समाचारों और ताजा घटनाक्रमों वाली पत्र पत्रिकाओं के प्रकाशन पर 26 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति है. साथ ही समाचार और ताजा घटनाक्रमों वाली विदेशी पत्रिकाओं के भारतीय संस्करणों पर भी इतने ही विदेशी निवेश की अनुमति है.

विनिवेश को बढ़ावा

सरकार ने वित्त वर्ष 2019-20 के विनिवेश लक्ष्य को बढ़ाकर 1,05,000 करोड़ रुपये करने की घोषणा की है. अंतरिम बजट में यह लक्ष्य 90,000 करोड़ रुपये रखा गया था.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के कुछ उपक्रमों (सीपीएसई) में अपनी हिस्सेदारी घटाकर 51 प्रतिशत से नीचे लाने पर विचार करेगी. इस पर मामला दर मामला विचार होगा.

वित्त वर्ष 2019-20 का बजट पेश करते हुए सीतारमण ने कहा कि सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों में 51 प्रतिशत तक हिस्सेदारी रखने की नीति में संशोधन करने का फैसला किया है. इनमें सरकारी संस्थान भी शामिल हैं.

उन्होंने कहा कि चुनिंदा सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों का विनिवेश सरकार की प्राथमिकता है. एयर इंडिया के विनिवेश का एक बार फिर प्रयास किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि बुनियादी ढांचा वित्तपोषण पर एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया जाएगा.

सीतारमन ने कहा कि रेलवे के सुदृढीकरण के लिए साल 2030 तक 50 लाख करोड़ अतिरिक्त निवेश की जरूरत होगी. उन्होंने रेलवे की कमाई को नाकाफी बताते हुए कहा कि जल्द से जल्द निवेश जुटाने के लिए पीपीपी को बढ़ावा देना चाहिए.

बड़ी कंपनियों को टैक्स में छूट

कंपनियों के लिए कर भार कम करने और विदेशी निवेश को आसान बनाने सहित आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के कई उपायों की घोषणा की गई है.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2019-20 का बजट पेश करते हुए आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिये अधिकांश कंपनियों को निम्न 25 प्रतिशत कर के दायरे में ला दिया है.

बजट में कहा गया है कि सरकारी बैंक एनबीएफसी कंपनियों के एक लाख करोड़ रुपये के ऋण खरीद सकते हैं और बैंकों को इसके लिए एकबारगी अल्प अवधि की ‘क्रेडिट गारंटी’ दी जाएगी.

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में पूंजी उपलब्धता बढ़ाने के वास्ते चालू वित्त वर्ष के दौरान उनमें 70,000 करोड़ रुपये की पूंजी डाली जायेगी. इसके साथ ही सार्वजनिक क्षेत्र के कुछ बैंकों का निजीकरण कर संसाधन जुटाने का भी प्रस्ताव किया गया है.

उन्होंने कर बोझ कम करने की उद्योग जगत की मांग पर गौर करते हुये 400 करोड़ रुपये सालाना कारोबार करने वाली कंपनियों के लिये कंपनी कर की दर 30 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत कर दी. अब तक 250 करोड़ कारोबार करने वाली कंपनियां पर ही 25 प्रतिशत की दर से कर लगाया जा रहा था.

स्टार्ट अप को शुरुआती साल में जांच से छूट

स्टार्ट अप को बढ़ावा देते हुये उनके लिये नियमों को सरल बनाया गया है और विभिन्न प्रकार की जांच- पड़ताल से निजात देने की घोषणा बजट में की गई है.

सरकार देश में सौर सेल, बैटरी और सौर चार्जिंग बुनियादी ढांचा सुविधाओं के विनिर्माण इकाइयां लगाने को लेकर वैश्विक कंपनियों को आकर्षित करने के लिये एक नई योजना शुरू करेगी.

वित्त मंत्री ने कहा कि योजना सौर फोटो वोल्टिंग सेल, लिथियम स्टोरेज बैटरी, सौर इलेक्ट्रिक चार्जिंग बुनियादी ढांचा, कंप्यूटर सर्वर, लैपटॉप आदि जैसे क्षेत्रों की इकाइयां आएंगी.

सरकार उन्हें आयकर कानून की धार 35 एडी के तहत निवेश से जुड़ी आयकर छूट प्रदान करेगी. साथ ही अन्य अप्रत्यक्ष कर लाभ देगी.

मध्यम वर्ग को राहत नहीं, उच्च वर्ग पर अधिभार बढ़ा

वित्तीय चुनौतियों के बीच पेश इस बजट से राहत की उम्मीद लगाए बैठे नौकरीपेशा और मध्य वर्ग की उम्मीदें धरी रह गयीं.  आम वेतनभोगी तबके को आयकर के मामले में कोई नई राहत नहीं दी गई है. हालांकि, अंतरिम बजट में की गई घोषणा को दोहराते हुये सीतारमण ने पांच लाख रुपये सालाना की करयोग्य आय वालों को कर छूट जारी रखी है.

बजट में दो करोड़ रुपये से अधिक कमाई करने वालों पर कर अधिभार बढ़ाने का प्रस्ताव है. दो करोड़ से लेकर पांच करोड़ रुपये तक और पांच करोड़ रुपये से अधिक की कर योग्य आय पर क्रमश: तीन प्रतिशत और सात प्रतिशत तक अधिभार बढ़ जायेगा. अब तक 50 लाख रुपये से एक करोड़ रुपये तक की सालाना कमाई करने वालों पर 10 प्रतिशत की दर से और एक करोड़ रुपये से अधिक की आय पर 15 प्रतिशत की दर से अधिभार लागू है.

महानगरों में किफायती घर खरीदने वालों को मामूली राहत

आयकर अधिनियम के तहत किफायती आवास की परिभाषा को जीएसटी अधिनियमों के साथ संरेखित करने के लिए, सीतारमण ने महानगर क्षेत्रों में मकान के कारपेट एरिया की सीमा 30 वर्ग मीटर से बढ़ाकर 60 वर्ग मीटर और गैर महानगर क्षेत्रों में इसे 60 वर्ग मीटर से 90 वर्ग मीटर तक बढ़ाने का प्रस्ताव किया है. किफायती घर की कीमत 45 लाख रुपये और उससे कम तय की गई है.

वित्त मंत्री ने 45 लाख रुपये तक की कीमत वाले किफायती आवास की खरीद के लिए 31 मार्च , 2020 तक लिए गए बैंक कर्ज पर अदा किए गए ब्‍याज के लिए 1,50,000 रुपये तक की अतिरिक्‍त कटौती की अनुमति देने का प्रस्‍ताव रखा है. इसका अर्थ है कि किफायती मकान खरीदने वाले व्‍यक्ति को आवास कर्ज पर अब 3.5 लाख रुपये तक के ब्याज पर कर-कटौती का लाभ मिलेगा . इससे मध्‍यम वर्ग के मकान खरीदारों को 15 वर्षों की अपनी ऋण अवधि के दौरान लगभग 7 लाख रुपये का लाभ मिलेगा.

फिलहाल आवास ऋण के सालाना दो लाख रुपये तक के ब्याज पर कर में कटौती का लाभ मिलता है.

ग्रामीण क्षेत्रों में दो साल में 1.95 करोड़ घर बनाने का लक्ष्य

सीतारमण ने अपने पहले बजट में कहा कि सरकार प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई)-ग्रामीण के तहत अगले दो साल में 1.95 करोड़ घर बनाएगी.

वित्त मंत्री ने 2022 तक सभी इच्छुक परिवारों के पास रसोई गैस, बिजली कनेक्शन और साल 2024 तक सभी घरों तक पानी पहुंचाने की बात कही है. जल जीवन मिशन के तहत वाटर हार्वेस्टिंग को बढावा दिया जाएगा.

स्वास्थ्य क्षेत्र में पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 19 फीसदी अधिक का बजट

वित्त वर्ष 2019-2020 के लिए स्वास्थ्य क्षेत्र को 62,659.12 करोड़ रुपये देने की घोषणा की गई है. यह पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 19 फीसदी अधिक है. .

करीब 1.5 लाख उपकेंद्रों और प्राथमिक चिकित्सा केंद्रों को 2022 तक हेल्थ एडं वेलनेस सेंटर्स में रूपांतरित किया जाना है. इन केंद्रों पर रक्तचाप, मधुमेह, कैंसर और जरावस्था से संबंधित बीमारियों का उपचार मुहैया कराया जायेगा.

सरकार ने राष्ट्रीय एड्स और यौन संचारी रोग नियंत्रण कार्यक्रम के लिए बीते साल के आवंटित 2,100 करोड़ रुपये में 400 करोड़ रुपये का इजाफा करते हुये इसे 2,500 करोड़ रुपये कर दिया है.

राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम में दस करोड़ रुपये की कमी की गई है. इसका बजट बीते साल के 50 करोड़ रुपये की तुलना में 40 करोड़ रुपये किया गया है.

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के लिए 78 प्रतिशत अधिक आबंटन

केंद्र ने चालू वित्त वर्ष में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के लिए आबंटन को 78 प्रतिशत बढ़ाकर 1.39 लाख करोड़ रुपये कर दिया है. इसमें से 75,000 करोड़ रुपये की राशि सरकार की महत्वाकांक्षी पीएम-किसान योजना के लिए आबंटित की गयी है.

इसके अलावा सरकार ने चालू वित्त वर्ष में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए आबंटन को बढ़ाकर 14,000 करोड़ रुपये करने का भी फैसला किया है. वित्त वर्ष 2018-19 के संशोधित अनुमान के मुताबिक इस योजना के लिए 12,975.70 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था. करीब 5.61 करोड़ किसानों को इस योजना का लाभ मिल रहा है.

निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2019-20 का केंद्रीय बजट पेश करते हुए कहा कि सरकार ने मत्स्य क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के अभाव की समस्या को दूर करने के लिए प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना का प्रस्ताव रखा है.

चार नए दूतावास बनेंगे

बजट में चार नए दूतावासों की स्थापना की घोषणा की गई है.

इसके साथ ही वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार उन प्रवासी भारतीयों (एनआरआई) को आधार कार्ड जारी करने पर विचार करेगी जिनके पास भारतीय पासपोर्ट हैं.

इसके साथ ही पैन कार्ड की जगह आधार कार्ड को विकल्प बनाया गया है.

राष्ट्रीय खेल शिक्षा बोर्ड (एनएसईबी) का गठन

सरकार ने अपनी प्रमुख खेल योजना ‘खेलो इंडिया को विस्तार देते हुए  राष्ट्रीय खेल शिक्षा बोर्ड (एनएसईबी) का गठन करने की घोषणा की लेकिन खेलों के लिये अंतरिम आवंटन में की गयी व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं किया.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट पेश करते हुए इस साल फरवरी को तत्कालीन वित्त मंत्री पीयूष गोयल द्वारा पेश किये गये अंतरिम बजट में किये गये आवंटन को जस का तस रहने दिया.

इलेक्ट्रानिक धन जुटाने के लिए सोशल स्टॉक एक्सचेंज का गठन

वित्त मंत्री ने सेबी के नियमन के तहत एक इलेक्ट्रानिक धन जुटाने के मंच सोशल स्टॉक एक्सचेंज की स्थापना को कदम उठाने की घोषणा की. इस एक्सचेंज पर सामाजिक उपक्रमों तथा स्वैच्छिक संगठनों को सूचीबद्ध किया जाएगा.

वित्त वर्ष 2019-20 का बजट पेश करते हुए सीतारमण ने कहा कि पूंजी बाजार को लोगों करीब लाने के लिए कदम उठाने की जरूरत है. इसके अलावा उन्होंने सूचीबद्ध कंपनियों में अनिवार्य न्यूनतम सार्वजनिक हिस्सेदारी की सीमा को 25 से बढ़ाकर 35 प्रतिशत करने का भी प्रस्ताव किया है.

खाद्य, उर्वरक और ईंधन पर सब्सिडी खर्च चालू वित्त वर्ष में 13.2 प्रतिशत बढ़ा

खाद्य, उर्वरक और ईंधन पर सब्सिडी खर्च चालू वित्त वर्ष में 13.2 प्रतिशत बढ़कर 3,01,694 करोड़ रुपये पर पहुंच जाएगा.

ईंधन बिल में रसोईं गैस पर सब्सिडी 2019-20 में 32,989 करोड़ रुपये अनुमानित है जो इससे पूर्व वित्त वर्ष में 20,283 करोड़ रुपये थी.

हालांकि केरोसीन सब्सिडी घटकर चालू वित्त वर्ष में 4,489 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है जो 2018-19 में 4,550 करोड़ रुपये थी.

खाद्य सब्सिडी 2019-20 में 7.54 प्रतिशत बढ़कर 1,84,220 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है. पिछले वित्त वर्ष में संशोधित अनुमान के तहत यह 1,71,298 करोड़ रुपये थी.

इसी प्रकार, उर्वरक सब्सिडी चालू वित्त वर्ष में 14.14 प्रतिशत बढ़कर 79,996 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है जो पिछले वित्त वर्ष में 70,085.70 करोड़ रुपये थी.

बजट दस्तावेज के अनुसार इसमें यूरिया सब्सिडी 53,629 करोड़ रुपये तथा पोषक तत्व आधारित सब्सिडी 26,367 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है.

सरकारी खजाने में आने वाले प्रत्येक एक रुपये में 68 पैसे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों से आयेगा जबकि खर्च के तौर पर करों और शुल्कों में राज्यों का हिस्से में सबसे ज्यादा 23 पैसे जायेंगे. बजट दस्तावेजों में यह बताया गया है.

1,25,000 किलोमीटर सड़कों को उन्नत बनाने का लक्ष्य

वित्त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तीसरे चरण में 80,250 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से 1,25,000 किलोमीटर सड़कों को उन्नत बनाया जाएगा.

मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश करते हुए सीतारमण ने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत पर्यावरण के अनुकूल सामग्रियों से 30,000 किलोमीटर सड़क का निर्माण किया गया है.

 विश्व स्तरीय शिक्षण संस्थानों के लिए 400 करोड़ रुपये आबंटित

केंद्र सरकार ने विश्व स्तरीय शिक्षण संस्थानों के लिए शुक्रवार को 400 करोड़ रुपये आबंटित किए और देश में विदेशी छात्रों को आकर्षित करने के लिए ‘भारत में अध्ययन’ कार्यक्रम की घोषणा की.

नरेंद्र मोदी नीत एनडीए सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार भारत की उच्चतर शिक्षा प्रणाली को विश्व में सर्वश्रेष्ठ बनाने के लिए एक ‘‘नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति’’ लाएगी.

शोध को बढ़ावा देने और इसमें समन्वय के लिए एक राष्ट्रीय शोध फाउंडेशन (एनआरएफ) स्थापित किया जाएगा.

वित्त मंत्री ने ‘भारत में अध्ययन’ (स्टडी इन इंडिया) कार्यक्रम की भी घोषणा की. इसका जोर देश के उच्चतर शिक्षण संस्थानों के लिए विदेशी छात्रों को आकर्षित करने पर होगा.

उन्होंने कहा कि भारत उच्चतर शिक्षा आयोग (एचईसीआई) के गठन के लिए इस साल एक मसौदा विधेयक पेश किया जाएगा. उन्होंने कहा कि यह व्यापक स्वायत्तता को बढ़ावा देने और बेहतर अकादमिक नतीजों पर जोर देने के लिए उच्चतर शिक्षा की नियामक प्रणाली में व्यापक सुधार करने में मदद करेगा.

बाजार में नई श्रृंखला के 1, 2, 5, 10 और 20 रुपये के सिक्के जारी किए जाएंगे. इन सिक्कों को दृष्टिबाधित लोग भी आसानी से पहचान कर सकेंगे.


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