उत्तर कोरिया परमाणु हथियारों को छिपा रहा है: संयुक्त राष्ट्र


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लंबे समय तक उत्तर कोरिया वैश्विक जगत खासकर अमेरिका के लिए सिर दर्द बना रहा है. लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और उत्तर कोरियाई तानाशाह किम जोंग उन के बीच बातचीत के बाद इस कोरियाई देश ने परमाणु कार्यक्रम बंद करने की हामी भर दी थी. लेकिन अब खबरें आ रही हैं कि उत्तर कोरियाई देश चोरी-छिपे परमाणु मिसाइलों पर काम कर रहा है.

अंग्रेजी वेबसाइट सीएनएन ने संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए लिखा है कि उत्तर कोरिया अपने परमाणु हथियारों को सुरक्षित जगहों पर छिपा रहा है. वो यह संभावित अमेरिकी सैन्य हमले से बचने के लिए कर रहा है.

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्तर कोरिया के व्यवहार में कोई बदलाव नहीं आया है. उसने अपना परमाणु मिसाइल कार्यक्रम बदस्तूर जारी रखा है. ये हालात तब हैं जब ट्रंप दूसरे दौर की वार्ता की योजना बना रहे हैं.

ताजा खबरों के मुताबिक डोनाल्ड ट्रंप ने स्टेट ऑफ द यूनियन को संबोधित करते हुए उत्तर कोरिया के साथ अपने रिश्तों की तारीफ की है. उन्होंने कहा कि ये उनकी कोशिशों का परिणाम है कि उत्तर कोरिया ने बीते 15 महीनों से कोई मिसाइल परीक्षण नहीं किया है. ट्रंप ने कहा कि अगर वो अमेरिकी राष्ट्रपति ना होते तो उत्तर कोरिया से युद्ध तय था.

इससे पहले बीते हफ्ते भी डोनाल्ड ट्रंप ने समझौते में प्रगति को लेकर उत्तर कोरिया की तारीफ की थी. सीएनएन ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि इस रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर कोरिया अपनी बैलेस्टिक मिसाइलों को लांच करने के लिए तैयार रखना चाहता है.

संयुक्त राष्ट्र के जिस पैनल ने ये रिपोर्ट तैयार की है उसका गठन संयुक्त राष्ट्र के अंग सुरक्षा परिषद ने किया है. इसका मकसद प्योंगयांग को परमाणु कार्यक्रम रोकने के लिए दबाव बनाना है.

रिपोर्ट के सारांश में कहा गया है कि अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंध उत्तर कोरिया को परमाणु कार्यक्रम चलाने से रोकने में असफल रहे हैं.

रिपोर्ट के इस हिस्से में लिखा है, “उत्तर कोरिया ने प्रतिबंध हटाने की मांग की है, लेकिन वो सुरक्षा परिषद के संकल्पों को लगातार झुठला रहा है. उसने अवैध तरीके से पेट्रोलियम उत्पादों और कोयले का उत्पादन बढ़ा दिया है.” इससे पहले भी इस मुद्दे पर आई रिपोर्टें इस ओर संकेत करती रही हैं.

इस मामले को सुलझाने के मकसद से बीते साल ट्रंप और किम जोंग उन के बीच सिंगापुर में बातचीत हो चुकी है. संयुक्त राष्ट्र की इस रिपोर्ट से पहले ही जनवरी में आए पेंटागन मिसाइल रक्षा रिव्यू में ये बात कही जा चुकी है कि उत्तर कोरिया अब भी अमेरिका के लिए एक बड़ा खतरा है.


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