केंद्रीय मंत्रालयों में बढ़ सकती है कर्मचारियों की संख्या


personnel may increase in union ministries

 

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जब इस बार अपना पहला बजट भाषण दिया, तो शायद ही उन्होंने रोजगार को लेकर कोई बात की. पूरे बजट भाषण में उन्होंने केवल पांच बार ही रोजगार का जिक्र किया. लेकिन बजट के कागजातों से पता चलता है कि केंद्र सरकार को इस वित्त वर्ष में अपने मंत्रालयों में रोजगार बढ़ने की उम्मीद है.

हालांकि, रोजगार को लेकर तथ्य केंद्र सरकार की इस आशा पर पानी फेरते नजर आ रहे हैं. पिछले दो दशकों में हर साल केंद्र सरकार के मंत्रालयों में रोजगार उसकी आशा से कम ही रहे हैं. लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि केंद्र सरकार में कर्मचारियों की संख्या घट गई है.

पिछले दो दशकों में केंद्र सरकार के कर्मचारियों की संख्या लगभग स्थिर रही है. यह 32 से 35 लाख के बीच रही है. 2013 जैसे अपवादस्वरूप सालों को अगर छोड़ दिया जाए तो केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों की संख्या में लगातार वृद्धि भी हुई है.

वित्त वर्ष 2019 के संशोधित अनुमान बताते हैं कि इस साल केंद्रीय कर्मचारियों की संख्या में यह वृद्धि रिकॉर्ड छू सकती है. हालांकि, 2018 में यह वृद्धि पिछले छह सालों के सबसे निचले स्तर पर रही थी.

एक दशक पहले की ही तरह रेल मंत्रालय सबसे ज्यादा रोजगार प्रदान करने वाला बना हुआ है. लेकिन गृह मंत्रालय भी तेजी से रोजगार देने में वृद्धि कर रहा है. वित्त वर्ष 2010 में रोजगार के मामले में रेल मंत्रालय गृह मंत्रालय के मुकाबले 12 प्रतिशत आगे था. हालांकि, वित्त वर्ष 2018 के आते-आते यह अंतर केवल चार फीसदी का रह गया है.

इस समयाविधि में भारत ने अंदरूनी खतरों से निपटने के लिए पैरामिलिट्री ऑपरेशन्स का विस्तार किया है. इस वजह से गृह मंत्रालय के रोजगारों में वृद्धि हुई है. इस पूरी समयाविधि में केंद्र सरकार के मंत्रालयों द्वारा पैदा किए गए कुल रोजगार में गृह मंत्रालय का हिस्सा 30 फीसदी से बढ़कर 35 फीसदी हो गया है. केंद्र सरकार के मंत्रालयों द्वारा पैदा किए गए रोजगार में पांच मंत्रालयों रेलवे, गृह, वित्त, संचार और रक्षा का हिस्सा 90 फीसदी है.


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