जब तवक्को ही उठ गई गालिब…


question on credibility of election commission

 

अब से कुछ ही घंटो के बाद देश के भविष्य का फैसला होने जा रहा है. 130 करोड़ भारतीयों की जिन्दगी दांव पर लगी है. दो दिन पहले एग्जिट पोल की घोषणा हुई. जिसने बीजेपी को इस दौर में सबसे आगे कर दिया. ये किसी ने नहीं सोचा कि एग्जिट पोल तो एक गैर कानूनी प्रक्रिया है. पिछले सप्ताह ईवीएम वीवीपैट और इलेक्शन कमीशन को लेकर बड़ी गोष्ठी हुई जिसमें पूर्व इलेक्शन कमीश्नर एसवाई कुरैशी ने देश को याद दिलाया कि ये एक गैर कानूनी प्रक्रिया है जिसे किसी ने चैलेंज नहीं किया.

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जगह-जगह ईवीएम में छेड़-छाड़ और उनके बदले जाने की खबरें गर्म हो गई हैं. 22 विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया और ये मांग की कि वीवीपैट की सौ फीसदी गिनती की जाए. मगर जैसी आशंका थी वैसा ही हुआ, चुनाव आयोग ने इस मांग को ठुकरा दिया.

देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने साफ कह दिया कि जनता को पारदर्शिता और भरोसे दिलाने की जिम्मेदारी चुनाव आयोग की है. कहीं लोगों को ये न लगे कि उनके आवामी फैसलों से खिलवाड़ किया गया है. मिर्जा गालिब ने इसी बात को क्या खूबसूरती के साथ कहा है-

जब तवक्को ही उठ गई गालिब
क्यों किसी से गिला करे कोई

अगले चंद घंटों में क्या होनेवाला है, इसका अंदाजा लगाना ही पड़ेगा क्योंकि आनेवाले हालात का हम सबको सामना करना है. मिशाल के तौर पर महागठबंधन के उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि अगर लोकसभा चुनाव के नतीजों में कुछ गड़बड़ी होगी तो वे शस्त्र उठाने और हिंसा करने के लिए मजबूर हो जाएंगे.

आरजेडी ने कहा कि जो जज को मरवा सकता है, फर्जी एनकाउंटर करवा सकता है, अपने पार्टी के उभरते लीडर को खत्म कर सकता है, क्या वो ईवीएम नहीं बदलवा सकता है.

बंबई हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान ये बात सामने आई कि 19 लाख ईवीएम चुनाव आयोग के कब्जे से गायब है. उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में ईवीएम बदले जाने कि आशंका को लेकर जबरदस्त हंगामा हुआ. सबने देखा कि महागठबंधन के उम्मीदवार अफजल अंसारी और उनके साथियों ने स्ट्रांग रूम के सामने डेरा डाल अपनी बात जनता तक पहुंचाई.

इससे पहले कभी भी चुनाव आयोग पर इतना बड़ा सवालिया निशान नहीं लगा. अगर एक शब्द में इस बात को समेटा जाए तो ये है पूर्ण अविश्वास का माहौल.

नई दिल्ली में कुछ बड़ी नामचीन हस्तियों ने इन सब बातों को लेकर अपनी चिंता जाहिर की है. इन हस्तियों में सामाजिक कार्यकर्ता, बुद्धिजीवी, पत्रकार, लेखक, पब्लिक इन्टेलेक्चुअल, वकील, मानवाधिकार कार्यकर्ता सभी शामिल हैं.

इन लोगों ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी किया है. जिसके जरिये मांग की गई है कि जिस तरह से सोशल मीडिया पर या संचार के अन्य माध्यमों पर ये खबरें दिखाईं जा रही है कि बिना पंजीकरण के गाड़ियों से ईवीएम की एक स्थान से दूसरे स्थान तक ढुलाई की जा रही है या जिस तरह से ये भी दिखाया जा रहा है स्ट्रांग रूम या निर्धारित स्थान के इतर दूसरी जगहों पर ईवीएम को रखा जा रहा है. या फिर जिस तरह से ईवीएम के बदले जानें की खबरें आ रही है. इससे लोगों में चिंता का माहौल बना है, इसलिए चुनाव आयोग से अनुरोध है कि वे इन सब बातों का संज्ञान लें तथा लोगों में उपजे अविश्वास को दूर करे क्योंकि ये चुनाव आयोग का कर्तव्य है ताकि लोगों का लोकतंत्र एवं भारत की संस्थाओं में विश्वास बना रहे.

कल चाहे जो भी फैसला आए, जिस किसी पार्टी या गठबंधन को सरकार बनाने का जनादेश जनता दे लेकिन एकता के विचार में ही उसकी खैर है. इसी बात को पानीपत के मशहूर शायर मौलाना अल्तफ हुसैन हाली ने यूं बयान किया है.

तुम अगर चाहते हो मुल्क की खैर
न किसी हमवत को समझो गैर
हों मुसलमान उसमें या हिन्दू
बौद्ध मजहब हों या हों ब्राहमों
सबको मीठी निगाह से देखो
समझो आंखों की पुतलियां सबको
यही है हमारा तराना और यही है हमारा नारा

डॉक्टर सैयदा हमीद (लेखिका, ट्रस्टी समृद्ध भारत फाउंडेशन)
रेयाज अहमद ( फेलो मुस्लिम वीमेंस फोरम)


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