वेनेजुएला संकट: अमेरिका को रूसी चेतावनी
फाइल फोटो
वेनेजुएला
में जारी राजनीतिक संकट के बीच रूस ने अमेरिका को उसकी संभावित सैनिक कार्रवाई को लेकर
चेताया है. रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने अपने अमेरिकी समकक्ष माइक पॉम्पियो
से कहा है कि वो वेनेजुएला मामले में वायु सेना के इस्तेमाल के बारे में ना सोचे.
रूस ने विदेश मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा, “लावरोव ने वेनेजुएला में सभी तरह के आंतरिक मामलों में हस्ताक्षेप से बचने की चेतावनी दी है, इसमें अमेरिकी एअर फोर्स के प्रयोग की चेतावनी भी शामिल है, ये अंतर्राष्ट्रीय कानूनों की अनदेखी होगी.”
रूस
की ओर से ये भी कहा गया है कि वो वेनेजुएला के राजनीतिक संकट पर यूएन के नियमों के
मुताबिक बातचीत करने के लिए तैयार है.
रूस का बयान ऐसे वक्त पर
आया है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वेनेजुएला को लेकर उनके
पास सेना के प्रयोग का विकल्प खुला है. इस समय अमेरिका की अगुवाई में बहुत से देश वेनेजुएला
के राष्ट्रपति पर पद छोड़ने का दबाव बना रहे हैं.
मादुरो को उनके देश में ही
विरोध का सामना करना पड़ रहा है. प्रमुख विपक्षी नेता जुआन गोइदो ने खुद को अंतरिम
राष्ट्रपति घोषित कर रखा है. गोइदो को अमेरिका और उसके सहयोगी देशों का समर्थन
प्राप्त है.
वेनेजुएला में विपक्ष का
आरोप है कि बीते साल हुए आम चुनावों में बड़े पैमाने पर हेराफेरी हुई थी. इसके
चलते ही मादुरो को फिर से सत्ता मिली थी.
गोइदो अब इस फिराक में हैं
कि मादुरो अपने पद से इस्तीफा दे दें जिसके बाद नए चुनाव कराए जा सकें. इसके लिए इस
समाजवादी नेता पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अभियान चलाया जा रहा है.
इससे पहले इस मामले में हुए
एक घटनाक्रम में अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र में मादुरो के खिलाफ मसौदा प्रस्ताव
पेश करने की बात कही थी. अमेरिका इस समय अपने मसौदे के समर्थन में अंतर्राष्ट्रीय अभियान
चला रहा है.
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वेनेजुएला इस समय गहरे
आर्थिक संकट से भी गुजर रहा है. यहां रोजमर्रा में प्रयोग होने वाली चीजों की भी
कमी हो गई है. इसके चलते मादुरो की सत्ता को काफी विरोध का सामना करना पड़ रहा है.
लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जो इसके लिए मादुरो को गलत नहीं ठहराते.
इस लैटिन अमेरिकी देश में
लगभग 2.3 मीलियन लोग रहते हैं. यहां साल 2015 से ही अति मुद्रास्फीति की स्थिति बनी
हुई है. इसके चलते यहां के लोगों की बचत और वेतन उनकी रोज की जरूरतों को पूरा करने
के लिए नाकाफी साबित हो रहा है.
वेनेजुएला की अर्थव्यवस्था मूल
रूप से तेल पर आधारित है. कच्चे तेल की कीमतों में कमी आने के बाद से इस देश को भारी
घाटा उठाना पड़ा है. इसके अलावा अमेरिका ने यहां की तेल कंपनियों पर पाबंदी भी लगा
रखी है, जिसके चलते अंतर्राष्ट्रीय बाजार में इनकी हिस्सेदारी काफी घट गई है.
जान गोइदो ने अमेरिका से
मदद की गुहार लगाई थी, जिसके बाद अमेरिका ने मानवीय मदद भेजने की बात कही थी. लेकिन
मादुरो ने इसे लेने से इनकार कर दिया था.
निकोलस मादुरो अपने देश के
समूचे संकट को अमेरिकी साजिश मानते हैं. उनके मुताबिक अमेरिका अपने सहयोगियों के साथ
मिलकर उनके समाजवादी शासन को सत्ता से बेदखल करना चाहता है.
मादुरो के मुताबिक अमेरिका
की नजर वेनेजुएला की तेल संपदा पर है. वेनेजुएला दुनिया के सबसे ज्यादा कच्चे तेल
के भंडार वाले देशों में से एक है.