ट्रांसजेंडर एक्ट के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस भेजा
ट्रांसजेंडर एक्ट की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस भेजा है. चीफ जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्य कांत की बेंच ने यह नोटिस भेजा है.
यह याचिका स्वाती बिधान बरुआह ने डाली है. वे खुद भी ट्रांसजेंडर हैं. उन्होंने अपनी याचिका में कहा है कि संविधान के अनु्च्छेद 21 से तहत अपने लिंग की पहचान खुद करना और उसकी घोषणा करना मूलभूत अधिकार है.
उन्होंने अपनी याचिका में कहा है कि ट्रांसजेडर एक्ट में डिस्ट्रिक्ट मैजिस्ट्रेट के तहत किसी व्यक्ति को ट्रांसजेंडर घोषित करने का अधिकार राज्य के पास है. इस आधार पर उन्होंने कहा है कि यह विधि ना केवल व्यक्ति की निजता का हनन है बल्कि अपमानजनक भी है.
याचिका में यह भी कहा गया है कि एक्ट में भेदभाव के खिलाफ जो अधिकार दिए गए हैं, वे पूरी तरह से शक्तिहीन हैं. अंत में स्वाती ने इस एक्ट को संविधान के अनुच्छेद 14, 15 और 16 के खिलाफ बताया है.
विवादित ट्रांसजेंडर एक्ट 26 सितंबर, 2019 को संसद में पारित हुआ था. इसे पांच दिसंबर 2019 को राष्ट्रपति की सहमति मिली थी और 10 जनवरी, 2020 को यह एक्ट लागू हो गया.