समलैंगिक विवाह को मंजूरी देने वाला एशिया का पहला राष्ट्र बना ताइवान
(Ritchie B. Tongo/European Pressphoto Agency)
समलैंगिक विवाह को मंजूरी देने वाला ताइवान एशिया का पहला राष्ट्र बन गया है. संसद ने ऐतिहासिक प्रस्ताव को पारित कर एक नया इतिहास रच दिया है.
ताइवान के राष्ट्रपति साई इंग-वेन (Tsai Ing-wen) ने ट्वीट किया, सच और बराबरी की तरफ हमने एक बड़ा फैसला लिया है और इससे ताइवान एक बेहतर देश बनेगा.
दरअसल द्वीपीय देश के सांसदों ने एक विधेयक को मंजूरी दे दी है जिससे समलैंगिक जोडों को ‘‘विशिष्ट स्थायी संघ’’ बनाने और सरकारी एजेंसियों में ‘‘विवाह के लिए पंजीकरण’’ कराने की अनुमति दी.
इंटरनेशनल डे एगेंस्ट होमोफोबिया, ट्रांसफोबिया और बाइफोबिया के दिन हई यह वोटिंग ताइवान के एलजीबीटी समुदाय के लिए बड़ी जीत है जिन्होंने अलग-अलग लिंग के दंपत्तियों की तरह ही समान विवाह अधिकारों के लिए वर्षों तक संघर्ष किया.
संसद में मतदान के बीच भारी बारिश के बावजूद सैकड़ों समलैंगिक अधिकार समर्थक संसद के समीप एकत्रित हो गए. इस मुद्दे को लेकर देश के लोगों की राय बंटी हुई है.
समलैंगिक अधिकार समूहों ने मतदान की तारीफ करते हुए कहा कि ‘‘विवाह पंजीकरण’’ के लिए आवेदन देने का अधिकार मिलने से उनके समुदाय को अलग-अलग लिंग के दंपत्तियों के समान अधिकार मिल गया है.
बता दें कि ताइवान की सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि एक ही लिंग के जोड़ों को शादी करने की अनुमति ना देना संविधान का उल्लंघन होगा. न्यायाधीश ने सरकार को कानून में बदलाव करने के लिए इस साल 24 मई तक का समय दिया है. लेकिन उनके पास कोई दिशा निर्देश नहीं है कि यह कैसे किया जाएगा.