स्कूल में बच्चों के झाड़ू लगाने की फोटो खींचने पर पत्रकार को जेल


uttar pradesh azamgarh journalist sent to jail for taking photographs of children sweeping at school

 

उत्तर प्रदेश के आज़मगढ़ में एक जिलाधिकारी ने एक स्कूल में झाड़ू लगा रहे बच्चों की कथित रूप से फोटो खींचने पर एक पत्रकार को गिरफ्तार करने के मामले की जांच के आदेश दिए है.

वहीं उनके साथी पत्रकार सुधीर सिंह ने आरोप लगाया है कि पत्रकार को सरकारी काम में बाधा डालने और रंगदारी मांगने के झूठे आरोपों में गिरफ्तार किया गया है.

सुधीर सिंह ने अन्य पत्रकारों के साथ जिलाधिकारी एनपी सिंह से मुलाकात की और उन्हें कथित अवैध गिरफ्तारी के बारे में जानकारी दी.

एनपी सिंह ने कहा, “पत्रकारों के साथ अन्याय नहीं किया जाएगा. हम मामले को देखेंगे.”

उन्होंने मामले की जांच के आदेश दिए हैं.

सुधीर सिंह ने बताया कि स्थानीय पत्रकार संतोष जयसवाल को छह अगस्त को गिरफ्तार किया गया था. उन्होंने स्कूल में बच्चों के झाड़ू लगाने की फोटो खींच ली थी और स्कूल प्रशासन के ‘अवैध कृत्य’ की जानकारी देने के लिए पुलिस को फोन किया था.

सुधीर सिंह ने बताया कि जयसवाल की कॉल पर पुलिस स्कूल पहुंच गई और जयसवाल और उदयपुर प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक राधे श्याम यादव को थाने ले गई.

सुधीर सिंह ने बताया कि फूलपुर थाने में प्रधानाध्यापक ने जयसवाल के खिलाफ तहरीर दी जिसके आधार पर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.

पत्रकार के खिलाफ छह सितंबर को प्राथमिकी संख्या 237 दर्ज की गई, जिसमें आरोप लगाया गया है कि जयसवाल अक्सर स्कूल आते थे और पुरुष और महिला शिक्षकों तथा छात्रों से बदसुलूकी करते थे. आरोप में कहा गया कि जयसवाल अक्सर अपना अखबार सब्सक्राइब करने के लिए भी कहते थे.

प्रधानाध्यापक राधे श्याम यादव ने एफआईआर में आरोप लगाया कि घटना के दिन जयसवाल स्कूल आए और बच्चों को झाड़ू लगाने को कहा ताकि इसका फोटो खींचा जा सके.

यादव ने आरोप लगाया कि उन्होंने इस कृत्य का विरोध किया तो जयसवाल स्कूल परिसर से चले गए, लेकिन उनकी गाड़ी वहीं थी और बाद में उन्होंने उनसे पैसा मांगा.

दिल्ली की राष्ट्रीय समाचार एजेंसी के लिए स्ट्रिंगर के तौर पर काम करने वाले सुधीर सिंह ने पत्रकार के खिलाफ आरोपों का खंडन किया और कहा कि स्थानीय पुलिस उनके पीछे पड़ी थी.


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