शाहीन बाग के लोगों ने कहा,हम भी न्यायालय में अपना पक्ष रखना चाहते हैं कि CAA कितना असंवैधानिक है


talks between police and protesters fail protest continue in Shahin Bagh

 

‘सीएए’ को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर जवाब के लिए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को चार हफ्ते का वक्त दिया है. केंद्र को यह मोहलत दिए जाने के बीच शाहीन बाग में प्रदर्शन कर रहे लोगों ने कहा है कि वे भी जजों के समक्ष अपना दृष्टिकोण रखना चाहते हैं कि संशोधित नागरिकता कानून कितना असंवैधानिक है.

शाहीन बाग की निवासी तस्मीन बानो ने कहा कि चूंकि प्रदर्शन को एक महीने से ज्यादा हो चुके हैं इसलिए जब तक नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) वापस नहीं होता तब तक वे सभी वहां से नहीं हटेंगे.

अपनी एक साल की बेटी के साथ प्रदर्शन स्थल पर आईं बानो ने कहा, ”हमने सुना है कि सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को समय दिया है और तब तक वे सीएए पर रोक नहीं लगाऐंगे. हम भी अपना दृष्टिकोण साबित करने के लिए तैयार हैं और अदालत को बता सकते हैं कि संशोधित नागरिकता कानून कितना असंवैधानिक है.”

हाथों में बाइबिल लिए हुए एक विरोध प्रदर्शन कर रहे  एलेक्जेंडर फ्लेमिंग ने कहा कि केवल एक पक्ष को सुनना मुद्दे का समाधान नहीं है.

उन्होंने कहा , ”उन्हें (अन्य याचिकाकर्ताओं) भी सुने जाने की जरूरत है. हमें पूरा विश्वास है कि हम अपना रूख साबित कर देंगे कि संशोधित नागरिकता कानून कितना असंवैधानिक है. ”

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि केन्द्र का पक्ष सुने बगैर संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के क्रियान्वयन पर रोक नहीं लगाई जायेगी. न्यायालय ने कहा कि इस कानून की वैधता के बारे में पांच सदस्यीय संविधान पीठ फैसला करेगी.

पेशे से सॉफ्टवेयर डेवलपर तनवीर अख्तर ने कहा कि देश भर में पहले से 100 शाहीन बाग हैं. जब तक कानून वापस नहीं होता प्रदर्शन कर रहे लोग एक इंच नहीं हटेंगे. एक अन्य प्रदर्शन करने आई महिला जेबा कसी ने आरोप लगाया कि सरकार इस प्रदर्शन को बदनाम करने का प्रयास कर रही है .


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