बहुत याद आएंगी ‘एक चिड़िया, अनेक चिड़िया’ की निर्माता विजया मुले


'Ek Chidiya Anek Chidiya filmmaker Vijaya Mulay would be remembered forever

 

फिल्म आलोचक मीनाक्षी शेड्डे ने विख्यात फिल्म निर्माता और शिक्षाविद विजया मुले के निधन पर गहरा दुःख जताया है. मुले का निधन बीते रविवार को राजधानी दिल्ली में हुआ था. वे 98 वर्ष की थीं.

उन्होंने साल 1974 में दूरदर्शन पर आने वाली अपनी मशहूर एनीमेशन फिल्म ‘एक, अनेक और एकता’ का निर्देशन किया था. इसने सर्वश्रेष्ठ शिक्षा फिल्म के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी जीता था. एनसीईआरटी के एनीमेशन स्टूडियो की ओर से बनने वाली यह पहली फिल्म भी थी. इस फिल्म का गीत एक चिड़िया, अनेक चिड़िया आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देता रहा.

मुंबई में जन्मी मुले ने 1959 में महज 22 सदस्यों के साथ दिल्ली फिल्म सोसाइटी की स्थापना की थी. वे साल 1962 से 1967 तक केंद्रीय फिल्म प्रमाण बोर्ड की अध्यक्ष भी रहीं.  साल 1960 के दशक में वे फेडरेशन ऑफ़ फ़िल्म सोसायटीज की संयुक्त सचिव भी थीं. 1970 के दशक के बाद उन्होंने सेंटर फॉर एजुकेशनल टेक्नोलजी के लिए शिक्षा से जुड़ी कई फ़िल्में बनाईं जिन्हें 2400 गांवों में दिखाया गया.

विजया मुले को कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था. उन्हें 2002 में मुंबई अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में अपनी डाक्यूमेंट्री के लिए लाइफटाइम अचीवमेंट वी शांताराम पुरस्कार मिला. साल 1999 में शैक्षणिक संचार के लिए विक्रम साराभाई लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से भी नवाजा गया.

विजया मुले की बेटी अभिनेत्री सुहासिनी मुले ने अपनी मां के निधन पर कहा, “वे 98 वर्ष की हो गई थीं, लेकिन उन्हें कोई  बीमारी नहीं थी.”

सुहासिनी मुले ने बताया कि मौत से 9 दिन पहले यानी 10 मई की सुबह उन्होंने मुझे फोन कर कहा था- ‘मुझे अच्छा महसूस नहीं हो रहा है।’ उनके ऐसा कहने पर हम उन्हें एस्कॉर्ट्स अस्पताल ले गए, जहां उन्हें चार दिनों के लिए भर्ती कराया गया, लेकिन वह ज्यादा दिनों तक वेंटिलेटर पर नहीं रहना चाहती थीं. उनके ही कहने पर हम उन्हें 14 मई को घर ले आए, जहां 19 मई को विजया मुले का निधन हो गया था.


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