बॉलीवुड निर्माता-निर्देशकों की पसंद बनता जा रहा है नवाबों का शहर
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की खुसूसियात की फेहरिस्त बहुत लंबी है. चिकनकारी हो या कबाब, नवाबी नफासत हो या तहजीब, ऐतिहासिक इमारतें हो या सांस्कृतिक विरासत लोग यहां की हर अदा पर कुरबान हैं. अब नवाबों के इस शहर के साथ एक और विशेषता जुड़ चली है. यह शहर बॉलीवुड हस्तियों की पसंद बनता जा रहा है और तमाम निर्माता निर्देशक अपनी फिल्मों की शूटिंग के लिए यहां का रूख कर रहे हैं.
इन दिनों लखनऊ में सदी के महानायक अमिताभ बच्चन शूटिंग कर रहे हैं. निर्देशक शूजित सरकार की फिल्म ‘गुलाबो सिताबो’ की शूटिंग लखनऊ की विभिन्न लोकेशन पर चल रही है. इसके अलावा निर्देशक दुर्गेश पाठक की फिल्म ‘लकीरें’ की शूटिंग भी यहां चल रही है. हाल ही में तिग्मांशू धूलिया की फिल्म ‘मिलन टाकीज’ की शूटिंग भी यहीं हुई.
फिल्म समीक्षक राजश्री पाण्डेय ने कहा कि अक्षय कुमार की ‘जाली एलएलबी-2’ और अजय देवगन अभिनीत ‘रेड’ की शूटिंग लखनऊ में हुई. यहां कई बड़ी फिल्में शूट हो चुकी हैं.
राजश्री ने कहा कि ‘जाली एलएलबी-2’ की शूटिंग हाई कोर्ट बिल्डिंग और हजरतगंज में हुई. सैफ अली खान अभिनीत ‘बुलेट राजा’ की शूटिंग रूमी दरवाजा और हजरतगंज में हुई . ‘रेड’ की शूटिंग पुराने लखनऊ और नए लखनऊ यानी गोमतीनगर में की गई . ‘यंगिस्तान’ की शूटिंग आंबेडकर पार्क और इमामबाडे में हुई .
उन्होंने बताया कि हिट फिल्म ‘बरेली की बर्फी’ की अधिकांश शूटिंग लखनऊ में हुई. चारबाग रेलवे स्टेशन को इसमें बहुत खूबसूरती से दिखाया गया. फिल्म ‘इश्कजादे’ की शूटिंग लखनऊ के चौक में हुई. चौक में ही कंगना रनौत की हिट फिल्म ‘तनु वेडस मनु रिटर्न्स’ शूट हुई. इसके कुछ हिस्से हजरतगंज में भी शूट हुए.
निर्देशक राजीव तिवारी ने बताते हैं, “लखनऊ के अलावा उत्तर प्रदेश में वाराणसी, सोनभद्र, मिर्जापुर, गोरखपुर, पीलीभीत, इलाहाबाद, नोएडा, आगरा, मथुरा जैसी जगहें शूटिंग के लिहाज से पसंद की जा रही हैं .”
शहर-ए-लखनऊ से संगीत की शिक्षा दीक्षा लेकर अब बालीवुड में संगीत का जलवा बिखेर रहे राहुल श्रीवास्तव ने कहा, “लखनऊ में निर्माता निर्देशकों को शूटिंग के लिए नेचुरल सेट मिलते हैं . यहां के पार्क, ऐतिहासिक इमारतें, बाग, पुराना लखनऊ, हैरिटेज जोन शूटिंग के लिए काफी अच्छे हैं.”
तिवारी ने कहा कि वैसे लखनऊ शहर को रूपहले पर्दे पर पहचान फिल्मकार मुजफ्फर अली ने दी. उन्होंने रेखा अभिनीत ‘उमराव जान’ बनाई जो लखनऊ की संस्कृति और कला को समर्पित फिल्म थी और नवाबों के शहर पर बनी यह फिल्म खासी हिट हुई थी .
तिवारी ने कहा,”नेचुरल लोकेशन से हमारा खर्च काफी बच जाता है और इस लिहाज से लखनऊ हमें भाता है क्योंकि यहां कई नेचुरल लोकेशन हैं .”
श्रीवास्तव ने बताया कि लखनऊ शहर की अपनी एक खास परंपरा और संस्कृति है. यहां का गीत, शास्त्रीय संगीत, ठुमरी, दादरा, अवधी लोक संगीत, तबला वादन, कथक देश दुनिया में मशहूर है. एक ओर आर्ट्स कालेज तो दूसरी ओर भातखंडे संगीत विश्वविद्यालय है. एक ओर कबाब हैं तो दूसरी ओर मक्खन मलाई है. एक ओर लखनवी चिकन है तो दूसरी ओर गुलाब रेवडी. एक ओर इप्टा जैसी पुरानी संस्था तो दूसरी ओर भारतेन्दु नाट्य अकादमी है. यहां के कई कलाकारों ने बालीवुड में खास पहचान बनाई और नाम कमाया .
(सभी तस्वीरें commons.wikimedia.org से साभार.)