…तो ‘डॉन’ से परहेज था निर्माता-निर्देशक को!


Producer-directors were reluctant to 'Don' title, amitabh reveals

 

बॉलीवुड के मशूहर अभिनेता अमिताभ बच्चन की साल 1978 में आई मशहूर फिल्म ‘डॉन’ को आखिर किसने नहीं देखा है. पर इस फिल्म के ‘डॉन’ शीर्षक को उस समय कोई भी स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं था.

बीते रविवार को ‘डॉन’ फिल्म को 41 साल पूरे हो गए है. इस मौके पर अमिताभ ने इस फिल्म के लेकर लिखे ब्लॉग में यह जानकारी दी.

इस ब्लॉग में अमिताभ ने लिखा कि ‘डॉन’ एक ऐसा नाम था, जिसको कोई स्वीकार नहीं करना चाहता था. निर्माताओं का यह कहना था कि ये शीर्षक हिन्दी फिल्म के लिए सहीं नहीं है. निर्माताओं ने यह भी कहा था कि ‘डॉन’ शीर्षक उस समय प्रचलित अडरगारमेंट के ब्रांड जैसा है. इसलिए ऐसा नाम रखने में जोखिम है.

अमिताभ ने कहा कि उस वक्त के लोकप्रिय ‘गॉडफादर’ सीरीज की वजह से ‘डॉन’ शब्द को इतना प्रचार मिला था. बावजूद इसके ‘डॉन’ शीर्षक को कोई गंभीरता से नहीं लेता था.

अमिताभ ने ब्लॉग में बताया कि उस समय की आधुनिक संचार तकनीकों ने इस फिल्म को कामयाब बनाने में बड़ी भूमिका निभाई.

इस फिल्म की कहानी को सलीम खान-जावेद अख्तर ने लिखा था और नरीमन ईरानी ने प्रोड्यूस किया था. इसके निर्देशक चंद्र बरोट थे.

‘डॉन’ में अमिताभ बच्चन के साथ जीनत अमान, प्राण, इफ्तेखार, हेलेन, ओम शिवपुरी, सत्येन्द्र कपूर और पिंचू कपूर ने भी काम किया था.

अमिताभ ने ये भी लिख कि आउटडोर सेट ढहने के दौरान एक बच्चे की जान बचाने के बाद ईरानी की जान चली गई. “वह बच्चे को बचाने के लिए दौड़े, लेकिन इस दौरान वह गिर पड़े और उनके कूल्हे में चोट आई. उन्हें अस्पताल में ले गए लेकिन वह इस चोट से कभी उबर नहीं पाए. अमिताभ ने लिखा कि जब उन्हें फिल्मफेयर में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए अवॉर्ड दिया गया तो उन्होनें ये अवॉर्ड ईरानी की  पत्नी को समर्पित किया.


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