‘पद्मश्री’ लौटाना चाहते थे सैफ अली खान


Saif Ali khan wanted to return 'Padmashri'

 

बॉलीवुड अभिनेता सैफ अली खान ने कहा है कि वह साल 2010  में मिला पद्मश्री सम्मान लौटाना चाहते थे, लेकिन यह उनके नियंत्रण में नहीं था. सैफ ने यह बात अरबाज खान के चैट शो पिंच के दौरान कही.

दरअसल शो पर आए मेहमान को ट्रोलर्स का जवाब देना होता है. शो के दौरान एक ट्रोलर ने सैफ पर पद्मश्री खरीदने का आरोप लगाया था. ट्रोलर ने उनकी काबिलियत पर सवाल उठाते हुए कहा था, “अपने बेटे का नाम तैमूर रखने वाले और एक रेस्टोरेंट में मारपीट करने वाले इस ठग को कैसे ‘सेक्रेड गेम्स’ में भूमिका मिल गई?  यह मुश्किल से अभिनय कर पाता है.”

इस बात का जवाब देते हुए सैफ ने कहा, “मैं ठग नहीं हूं. पद्मश्री को खरीदना संभव नहीं है. मेरे लिए यह संभव ही नहीं है कि मैं भारत सरकार को घूस दे सकूं.”

इतना ही नहीं उन्होनें ये भी कहा कि पद्मश्री का सम्मान उन्हें नहीं लेना चाहिए था और वह  इसे वापस करना चाहते थे. ऐसे कई अभिनेता हैं जो इस सम्मान पाने के उनसे ज्यादा हकदार हैं और यह पुरस्कार उनसे अधिक वरिष्ठ कलाकारों को अब तक नहीं मिला है. सैफ ने जोड़ा कि यह सम्मान कुछ ऐसे लोगों को भी मिला है जो इस सम्मान के लिए मुझसे भी कम काबिल हैं.

सैफ ने बताया जब उन्हें पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया जा रहा था, तब उनके पिता ने उनसे कहा था कि पुरस्कार के लिए भारत सरकार से मना करना संभव नहीं है. इसलिए उन्होंने खुशी से यह पुरस्कार लिया. सैफ अली खान को साल 2010 में ‘पद्मश्री’ मिला था.

सैफ ने बेटे तैमूर के नाम के बारे में बात करते हुए कहा, ‘मुझे इस नाम में कोई बुराई नजर  नहीं आती. मुझे यह नाम बहुत खूबसूरत लगता है. तैमूर का मतलब आयरन होता है और यह मजबूती के प्रतीक का नाम है.


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