अब साउथ इंडिया की रीमेक है बॉलीवुड का हिट फार्मूला


south indian remake films is hit formula for bolywood

 

आज तेलुगू की हिट फिल्म ‘अर्जुन रेड्डी’ की रीमेक कबीर सिंह रिलीज होने जा रही है. यह फिल्म उस लम्बे सिलसिले की एक और कड़ी है जिसके चलते बीते दस सालों में बॉलीवुड लगातार दक्षिण भारत की फिल्मों के रीमेक या उनकी नक़ल पर निर्भर होता गया है.

अंग्रेजी अखबार मिंट ने फिल्म ट्रेड वेबसाइट्स के आंकड़ों के हवाले से बताया है कि बीते दस सालों में  बॉलीवुड में दक्षिण भारत की फिल्मों के आधार पर या उनकी नकल करके 38 फ़िल्में बनी हैं. इनमें से 18 फिल्में हिट रही हैं.

अपनी मनोरंजक और भावनात्मक कहानियों के लिए जाने जाने वाली तमिल, तेलुगू, मलयालम और कन्नड़ फिल्में बॉलीवुड के लिए सहारा बनी हुई हैं. दक्षिण भारतीय हिट फिल्मों को बनाने के लिए बॉलीवुड डेढ़ से तीन करोड़ रुपये में राइट्स खरीदता है.

हाल में बनीं ऐसी फिल्मों पर नजर डालें तो  टाइगर श्रॉफ की फिल्म ‘बागी-2’ तेलुगू फिल्म ‘कशानम’ की रीमेक है. वहीं रणवीर सिंह की फिल्म ‘सिंबा’ तेलुगू फिल्म ‘टेंपर’ की रीमेक है. इसके अलावा सलमान खान की फिल्म ‘बॉडीगार्ड’ मलयालम फिल्म ‘बॉडीगार्ड’ की रीमेक है. इन सभी फिल्मों की कमाई 101 करोड़, 100 करोड़ और 74 करोड़ के आस-पास थी.

अजय देवगन की फिल्म ‘सिंघम’, ‘सन ऑफ सरदार’, ‘हिम्मतवाला’, ‘एक्शन जैक्सन’, ‘सिंघम रिटर्न्स’ और ‘दृश्यम’ साउथ इंडियन फिल्मों की रीमेक है. इसके अलावा अक्षय कुमार की ‘गब्बर इज बैक’, ‘हॉलिडे’, ‘बॉस’, ‘राउडी राठौड़’, ‘खट्टा मीठा’ और ‘दे दना दन’ साउथ इंडियन फिल्मों की रीमेक है.

फिल्मों के स्वतंत्र ट्रेड विश्लेषक श्रीधर पिल्लई ने कहा, “फिल्मों को व्यवसायिक प्रदर्शन भी अच्छा होना चाहिए. जो फिल्में पहले से हिट हैं, उसे ही दोबारा बनाना सही साबित होता है. जितनी भी फिल्मों की रीमेक की गई है, उसका कन्टेंट और भाव ऐसा है कि पूरे देश में वो फिल्म चल सकती है.”

फिल्म विश्लेषकों का मानना है कि साउथ इंडियन सिनेमा जगत ने ड्रामा और इमोशन्स के साथ मनोरंजक फिल्में बनाने की कला सीख ली है. बॉलीवुड इस मामले में अभी भी पीछे है. हाल की फ्लॉप फिल्म ‘ठग्स ऑफ हिन्दोस्तान’ और ‘कलंक’ से ये साबित होता है.

ज्यादातर साउथ इंडियन भाषा की फिल्में (खासतौर पर तेलुगू और तमिल) हर एक व्यक्ति को पसंद आती हैं.

मिंट से बातचीत में फिल्म कबीर सिंह के निर्देशक संदीप रेड्डी वंगा ने कहा, “स्क्रिप्ट के मामले में बॉलीवुड फिल्में पांच साल पहले तक ठीक काम कर रही थीं. इस वक्त बॉलीवुड में चीजें उबाऊ हो चुकी हैं. ऐसे में साउथ इंडियन फिल्म बॉलीवुड के लिए बोनस का काम कर रही हैं.”

तेलुगू फिल्म ‘पारुगू’ की रीमेक ‘हीरोपंती’ बनाने वाले डायरेक्टर सब्बीर खान का कहना है, “हमारे साथ के निर्देशकों की बड़ी समस्या यह है कि उनके पास कहानियां तो बहुत होती हैं, लेकिन उनके पास दिलचस्प स्क्रीनप्ले नहीं होता है.”

वहीं इस मामले में श्रीधर पिल्लई ने कहा, “भारत में हर राज्य की संस्कृति और पसंद एक दूसरे से अलग हैं. उत्तर भारत तो दक्षिण भारत से पूरी तरह अलग है. बॉलीवुड रीमेक के मामले में फिल्मों में  सिर्फ एक स्टार होना काफी नहीं है. इसके साथ कई दूसरी चीजें भी मायने रखती हैं. जैसे, फिल्म कहां शूट हुई है, यह भी जरूरी है.”

रिपोर्ट के मुताबिक ‘कबीर सिंह’ की कहानी दिल्ली पर आधारित है. जबकि ‘अर्जुन रेड्डी’ मुख्यत: मंगलुरू पर आधारित थी. तमिल हॉरर कॉमेडी ‘Muni 2: Kanchana’ की रीमेक फिल्म ‘लक्षमी बॉम्ब’ अक्षय कुमार की आने वाली साउथ इंडियन फिल्म है.

दूसरी तरफ दक्षिण भारत की कई ऐसी भी फिल्में हैं जो बॉलीवुड पर नहीं चल पाई थीं. जैसे अजय देवगन की फिल्म ‘एक्शन जैक्सन’ तेलुगू फिल्म ‘Dookudu’ की रीमेक थी लेकिन  इस फिल्म को 36 करोड़ का नुकसान हुआ था. कॉमेडी ड्रामा ‘कमाल धमाल मालामाल’ मलयालम फिल्म ‘Marykkundoru Kunjaadu’ की रीमेक थी. इस फिल्म को 25 करोड़ का नुकसान हुआ था.”


बॉलीवुड