शाहीन बाग के बच्चे और संविधान


 

नागरिकता कानून, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ शाहीन बाग में प्रदर्शन में महिलाओं के साथ ही उनके बच्चे भी शामिल हो रहे हैं. राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग यानी NCPCR को अब अचानक लग रहा है कि आंदोलन में शामिल बच्चे मानसिक तौर पर प्रताड़ित हो रहे हैं. क्या किसी जन-आंदोलन में बच्चों की भागीदारी गलत है, खासकर तब जबकि हमारे आजादी के आंदोलन में भी बच्चों की भागीदारी का पुराना इतिहास रहा है?


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