कलाकारों को कमान देने के बाद कितनी बदली ललित कला अकादमी, मेरे रहते अकादमी में कोई गुटबाजी नहीं होगी – डॉ उत्तम पचारणे और साहित्य, कला, संस्कृति की गतिविधियों की ‘परिक्रमा’.