कुलभूषण जाधव मामले में ICJ आज शाम 6.30 बजे सुनाएगा फैसला


indian diplomat met kulbhushan jadhav

 

भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव से जुड़े मामले में अंतरराष्ट्रीय कोर्ट (आईसीजे) आज फैसला सुनाएगी. पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने कुलभूषण जाधव को मौत की सजा सुनाई है. भारत ने इस फैसले को आईसीजे में चुनौती दी है.

भारत का आरोप है कि जासूसी और आतंकवाद के मामले में जाधव पर ‘दवाब देकर कबूलनामा’ करवाया गया है और उस कबूलनामे के आधार पर पाकिस्तान की अदालत में उन्हें मौत की सजा सुनाई गई है.

भारत ने अंतरराष्ट्रीय कोर्ट के सामने इस मामले में निम्नलिखित रूप से अपना पक्ष रखा है-

पाकिस्तान की सैन्य अदालत का फैसला वियना संधि के प्रावधानों का ‘खुलेआम उल्लंघन’ है.

इस मामले में भारतीय पक्ष के अनुकूल पुरानी स्थिति बहाल की जाए.

सैन्य अदालत के फैसले को खारिज किया जाए और पाकिस्तान को किसी भी तरह की सजा देने से रोका जाए.

कुलभूषण जाधव को तत्काल रिहा किया जाए और भारत भेजने का सुरक्षित इंतजाम किया जाए.

इसके अलावा अगर अंतरराष्ट्रीय कोर्ट यह पाता है कि कुलभूषण जाधव को रिहा नहीं किया जा सकता है तब वैसी स्थिति में भारतीय पक्ष ने ये मांगें रखी हैं-

सैन्य अदालत के फैसले को खारिज किया जाए और पाकिस्तान को सैन्य अदालत के फैसले को अमल में लाने से रोका जाए.

सैन्य अदालत के फैसले को खारिज करने के लिए कदम उठाने के निर्देश दिए जाए.

नागरिक कानून के तहत नागरिक अदालत में मामले को चलाए जाने के आदेश दिए जाए. नागरिक अदालत में सुनवाई के दौरान जाधव के कबूलनामे पर विचार नहीं किया जाए. संयुक्त राष्ट्र के अंतरराष्ट्रीय नागरिक और राजनीतिक अधिकार प्रतिज्ञापत्र के प्रस्तावनों के मुताबिक उन पर सुनवाई की जाए. इसके मुताबिक भारत को उन्हें कानूनी मदद मुहैया कराने का अधिकार दिया जाए.

पाकिस्तानी के सैन्य अदालत ने अप्रैल 2017 में बंद कमरे में सुनवाई के बाद ‘जासूसी और आतंकवाद’ के आरोप में भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी जाधव (49) को मौत की सजा सुनाई थी.

भारत ने इस फैसले के खिलाफ आठ मई 2017 को आईसीजे का दरवाजा खटखटाया था.

आईसीजे की दस सदस्यीय पीठ ने 18 मई 2017 को पाकिस्तान को जाधव की मौत की सजा पर अमल से रोक दिया था

आईसीजे ने इस महीने की शुरुआत में दिये बयान में कहा था कि द हेग के ‘पीस पैलेस’ में 17 जुलाई को भारतीय समयानुसार शाम साढे छह बजे सार्वजनिक सुनवाई होगी जिसमें प्रमुख न्यायाधीश अब्दुलकावी अहमद यूसुफ फैसला पढ़कर सुनाएंगे.

भारत इससे पहले छह बार अंतरराष्ट्रीय कोर्ट का दरवाजा खटखटा चुका है. इन छह मामलों में से चार मामलों में भारत के सामने पाकिस्तान प्रतिवादी के तौर पर रहा है.


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