इंदौर में कोरोना स्क्रीनिंग कर रहे स्वास्थ्य कर्मियों पर टूटी भीड़, चार गिरफ्तार
मध्य प्रदेश में इंदौर में टाटपट्टी बाखल इलाके में कोरोना वायरस की स्क्रीनिंग के लिए पहुंचे स्वास्थ्य विभाग के लोगों पर हमला करने वाले चार लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.
विभाग के ये अधिकारी कोरोना वायरस के कारण जान गंवाने वाले एक व्यक्ति के घरवालों की स्क्रीनिंग के लिए वहां पहुंचे थे, जिस दौरान इन पर पत्थराव किया गया. घटना में कोई अधिकारी हथाहथ नहीं हुआ था. इस घटना का वीडियो इंटरनेट पर उपलब्ध है.
इंदौर के डीआईजी एच मिश्रा ने बताया कि चार लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 353,336,147 और 269 के तहत केस दर्ज किया गया है. उन्होंने कहा कि अन्य लोगों की पहचान वीडियो से की जा रही है.
मध्य प्रदेश के इंदौर में कोरोना वायरस संक्रमण के 12 नए मरीज मिलने के बाद सूबे में इस महामारी की जद में आए लोगों की तादाद बढ़कर 98 पर पहुंच गई है.
इनमें से करीब 77 फीसद मरीज अकेले इंदौर के हैं. ऐसे में इंदौर राज्य का कोरोना हॉटस्पॉट बन गया है.
शासकीय महात्मा गांधी स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय के एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण के 12 नए मरीजों में 80 वर्षीय महिला शामिल है. इनमें तीन मरीज ऐसे भी हैं जिनके परिवार के अन्य नौ सदस्य पहले ही इस महामारी की चपेट में आकर अस्पताल में भर्ती हैं.
इंदौर, सूबे में कोरोना वायरस संक्रमण से सबसे ज्यादा प्रभावित इलाका है और शहर में इसका दायरा लगातार बढ़ रहा है. नये 12 मरीज मिलने के बाद शहर में इस महामारी की चपेट में आये लोगों की संख्या 75 हो गई है जिनमें से तीन मरीजों की इलाज के दौरान पहले ही मौत हो चुकी है. इसके अलावा, जबलपुर के आठ, उज्जैन के छह, भोपाल के चार और शिवपुरी एवं ग्वालियर के दो-दो मरीजों और खरगोन के एक मरीज में भी कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई है.राज्य में इस महामारी से संक्रमित होने के बाद इलाज के दौरान दम तोड़ने वाले छह मरीजों में इंदौर के तीन, उज्जैन के दो और खरगोन का एक मरीज शामिल हैं.
प्रदेश के पश्चिमी हिस्से से ताल्लुक रखने वाले इन मृतकों को अन्य बीमारियां भी थीं.अधिकारियों ने बताया कि इंदौर के ज्यादातर कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों ने पिछले दिनों कोई यात्रा नहीं की थी और वे स्थानीय स्तर पर ही इस संक्रमण के शिकार हुए. हालांकि, स्वास्थ्य विभाग इस बात से लगातार इनकार कर रहा है कि शहर इस महामारी के तीसरे चरण यानी सामुदायिक संक्रमण की स्थिति में पहुंच गया है.
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रवीण जड़िया ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘शहर की मौजूदा स्थिति को अभी हम कोरोना वायरस का सामुदायिक संक्रमण नहीं कह सकते. अब तक मिले मरीजों में शामिल ज्यादातर लोग आपस में रिश्तेदार या परिचित हैं जिन्होंने एक-दूसरे के संपर्क में आकर इस बीमारी को फैलाया.’
उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग को शहर में कोरोना वायरस के किसी नये मरीज के बारे में जैसे ही पता चलता है, उसके परिजनों और उसके संपर्क में आये लोगों को ढूंढकर उन्हें पृथक केंद्रों में पहुंचा दिया जाता है. जड़िया ने बताया कि कोरोना वायरस के प्रकोप के बाद यहां पिछले नौ दिन में 600 से ज्यादा लोगों को पृथक केंद्रों में पहुंचाया गया है ताकि इस महामारी का फैलाव रोका जा सके.
कोरोना वायरस के मरीज मिलने के बाद से प्रशासन ने 25 मार्च से शहरी सीमा में कर्फ्यू लगा रखा है.