मुजफ्फरनगर दंगा मामले में सात को उम्रकैद
साल 2013 में कवल गांव में हुए दोहरे हत्याकांड में मुजफ्फरनगर की एक स्थानीय अदालत
ने सात युवाओं को उम्रकैद की सज़ा सुनाई है. जांच में पता चला कि ये सभी मुजफ्फरनगर दंगे में
शामिल थे. रिपोर्ट्स के मुताबिक इस घटना के बाद ही मुजफ्फरनगर में दंगे भड़के थे.
साल 2013 में कवल गांव से शुरू हुए इन दंगों में करीब 60 लोगों की मौत हुई थी.
अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश हिमांशु भटनागर ने सात अभियुक्तों को हत्या की
धाराओं और अन्य वर्गों के बीच दंगों के लिए दोषी ठहराया था.
मुज़स्सिम, फुरकान, नदीम, जनांगिर, अफ़ज़ल, मुज़म्मिल और इकबाल को 27 अगस्त, 2013 को दंगों और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ गौरव और सचिन की हत्या में दोषी पाया गया था.
जानसठ थाना क्षेत्र में धारा 302 के तहत हत्या के मामले में एफआईआर दर्ज की गई थी.
इनमें पांच लोग थे जिन्होंने कथित तौर पर हत्या की थी.
हालांकि, दो अन्य अभियुक्त, अफ़ज़ल और इक़बाल को अदालत ने बाद में आपराधिक
प्रक्रिया संहिता की धारा 319 के प्रावधानों के तहत तलब किया था, जब मुकदमे के दौरान
हत्याओं में उनकी सहभागिता का सबूत सामने आया था.
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक 2013 के दंगे के बाद 6,000 से ज्यादा मामले दर्ज किए
गए और दंगे में कथित भूमिका के लिए 1,480 संदिग्ध आरोपियों को गिरफ्तार किया गया
था.