पूर्व सैन्य अधिकारी के विदेशी घोषित होने के मामले में सेना ने हस्तक्षेप से किया इनकार
कारगिल युद्ध में हिस्सा ले चुके पूर्व सैन्य अधिकारी के विदेशी घोषित होने के मामले में सेना का बयान सामने आया है. सेना की ओर से कहा गया है कि सनाउल्लाह के प्रति उसके पास संवेदनाएं हैं. लेकिन वह इस मामले में उनकी मदद के लिए कुछ नहीं कर सकती.
इस मामले में एनआरसी से संबंधित एक न्यायाधिकरण ने उन्हें विदेशी घोषित कर दिया था. जिसके बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में लेकर डिटेंशन कैंप भेज दिया था.
मोहम्मद सनाउल्लाह सेना में सुबेदार के पद पर तैनात थे. वे कैप्टन के मानद पद से रिटायर्ड हुए. सनाउल्लाह राष्ट्रपति पदक से भी सम्मानित किए जा चुके हैं. गिरफ्तारी के समय वे सीमा पुलिस में सहायक उप-निरीक्षक के पद पर कार्यरत थे.
समाचार पत्र दि हिंदू सेना के अधिकारी के हवाले से लिखता है, “हमने उनकी पत्नी समीना बेगम को छावनी बुलाया था, हमने उनको सांत्वना दी और आश्वस्त किया कि जहां भी जरूरत पड़ी, हम मदद करेंगे.” अधिकारी ने कहा कि सेना के लोगों ने सनाउल्लाह की पत्नी से अपना दुख और संवेदना भी जाहिर की.
अधिकारी ने इस मामले में आगे बोलते हुए कहा, “अब सनाउल्लाह का मामला कानूनी रूप ले चुका है, इसलिए सेना ज्यादा कुछ नहीं कर सकती. हमने इस मामले को राज्य सैनिक बोर्ड में उठाया है. बोर्ड ने कहा कि उनको वकील के माध्यम से अपना पक्ष रखना होगा, अगर इस दौरान किसी तरह की सहायता की जरूरत हुई तो हम जरूर करेंगे.”
इससे पहले असम सैनिक कल्याण बोर्ड ने कहा था कि उसकी ओर से सनाउल्लाह को सलाह दी जा चुकी है, कि वे गुवाहटी हाई कोर्ट जाएं. बोर्ड ने कहा था, “इस मामले से निपटने के लिए दो वकीलों से बात की गई है.”
उधर सेना के रिटायर्ड अधिकारियों ने सेना से सनाउल्लाह की मदद के लिए आग्रह किया था.
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इस मामले के सामने आने के बाद एनआरसी पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मुद्दे से जुड़े अधिकारियों को फटकार लगाई थी.
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा था, “मीडिया में कुछ परेशान करने वाली खबरें चल रही हैं, और मीडिया हमेशा गलत नहीं होता. मीडिया रिपोर्ट में देखा जा सकता है कि शिकायतों का निवारण ठीक से नहीं हो रहा है.”
कोर्ट ने एनआरसी के समन्वयक प्रतीक हजेला से कहा था कि वे इस मामले से जुड़े अधिकारियों से ये सुनिश्चित कराएं कि दी गई समय-सीमा के अंदर सभी लोगों को उनके दावे साबित करने का निष्पक्ष मौका मिले.