झूठे निकले अमित शाह के दावे, वायरल वीडियो में मूर्ति तोड़ते दिखे भगवाधारी


bjp worker can be seen breaking Vidyasagar bust in viral video

 

ईश्वरचंद्र विद्यासागर की मूर्ति खंडित होने के बाद से बंगाल की राजनीति में तो उबाल आया ही है, पूरे देश में भी इसको लेकर बहस जोरों पर हैं. बीजेपी और टीएमसी दोनों पार्टियां इसको लेकर एक-दूसरे पर आरोप लगा रही हैं. लेकिन इस घटना के दो वीडियो सामने आने के बाद काफी कुछ साफ होता नजर आ रहा है.

टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने तो पहले ही इसके लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया था. इसके बाद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने एक प्रेस कांफ्रेंस कर मूर्ति तोड़ने का आरोप टीएमसी कार्यकर्ताओं पर मढ़ दिया.

इसके सबूत के तौर पर शाह ने तीन तस्वीरें दिखाई थीं. जिसमें वो ये बता रहे थे कि मूर्ति तक पहुंचने के लिए दरवाजे बंद थे. उनका कहना था कि दरवाजों के बंद होने के चलते बीजेपी के लोग वहां तक पहुंच ही नहीं सकते थे. इसलिए वहां पहले से मौजूद टीएमसी कार्यकर्ताओं ने मूर्ति तोड़ी है.

लेकिन इन दावों के बाद जल्द ही दो वीडियो सामने आए. इनमें से एक 7.21 मिनट का है, जबकि दूसरा 2.45 मिनट का है.

पहला वीडियो जो कि विद्यासागर कॉलेज के सामने वाली इमारत से रिकॉर्ड किया गया है. इस वीडियो में साफतौर पर देखा जा सकता है कि रैली के लोग कॉलेज के गेट की ओर जा रहे हैं. उनमें से ज्यादातर लोगों ने भगवा कपड़े पहन रखे हैं. कुछ ने भगवा टोपी भी लगा रखी है.

इसमें देखा जा सकता है कि ये लोग डंडों से गेट को पीट रहे हैं. शायद गेट का ताला टूटने के चलते लोग अंदर दाखिल हो जा रहे हैं. यही वो दरवाजा था जिसे शाह बंद बता रहे थे. यहीं से लोग कॉलेज के अंदर दाखिल हो जाते हैं और मूर्ति तक पहुंच जाते हैं.

टेलीग्राफ वहां के चौकीदार शांतिरंजन मोहंती के हवाले से कहता है कि उस गेट पर जंजीर के माध्यम से एक ताला लगा था, जो टूट गया था और उसे बदला जाना था.

उस समय रिकॉर्ड किए गए इस वीडियो में देखा जा सकता है कि लोग शोर मचाते हुए इस दरवाजे से कॉलेज के अंदर दाखिल हो जाते हैं. इसमें एक आवाज को सुना जा सकता है, जिसमें कहा जा रहा है “वे लोग (हमलावर) मुश्किल में पड़ेंगे, वे कॉलेज के अंदर तोडफोड़ करने जा रहे हैं.”

जबकि अमित शाह ने कहा था कि अगर दरवाजा बंद था तो फिर रैली के लोग अंदर नहीं जा सकते थे. फिर आखिर मूर्ति किसने तोड़ी? उनके मुताबिक ममता बनर्जी के कार्यकर्ताओं ने चुनावी लाभ के लिए मूर्ति तोड़ी है.

दूसरे वीडियो में दिख रहा है कि कॉलेज के आंगन में ले जाने वाले दरवाजे से दो लोग आते हैं. इन लोगों ने हाथ में भारी चीजें ले रखी हैं. इन्हीं से विद्यासागर की मूर्ति तोड़ी गई है. इसमें से एक व्यक्ति ने सफेद टी-शर्ट पहन रखी है और पगड़ी बांधी है. और दूसरे व्यक्ति ने एक टी-शर्ट के ऊपर खुले बटन वाला शर्ट पहन रखा है.

इसके बाद भगवा कपड़ों में कुछ अन्य लोग अंदर आते हैं. ये लोग उन भारी चीजों को फर्श पर पटकते हैं. इनके हाथ में टूटी मूर्ति के टुकड़े भी हैं. ये इन्हें ऊपर उछाल भी रहे हैं.

इस दौरान वीडियो में देखा जा सकता है कि कॉलेज का पूरा आंगन भगवा कपड़ों वाले लोगों से भरा हुआ है. इसमें इन लोगों को तोड़फोड़ करते हुए देखा जा सकता है. इसके बाद वीडियो खत्म होने से पहले कमरे की लाइट बंद हो जाती है.

अमित शाह ने जो दूसरी तस्वीर दिखाई थी वो उस जगह की थी जहां विद्यासागर की मूर्ति लगी हुई थी. शाह का दावा था कि ये मूर्ति दो कमरों के अंदर वाली जगह पर रखी थी. उनका कहना था कि घटना सात बजकर 30 मिनट पर हुई जब कॉलेज बंद हो चुका था और गेट बंद थे ऐसे में कोई बाहरी व्यक्ति अंदर कैसे जा सकता है.

शाह के ये दावा भी तब झूठा साबित होता है, जब हम विद्यासागर कॉलेज की वेबसाइट पर नजर डालें. इसके मुताबिक विद्यासागर सांध्य कॉलेज का समय दोपहर 2.15 से शाम 8.15 तक का है. कॉलेज के अध्यापकों और विद्यार्थियों का कहना है कि जहां मूर्ति रखी थी वहां तक आसानी से पहुंचा जा सकता है.

हालांकि सांध्य कॉलेज की इमारत अलग है, लेकिन एक ही परिसर में होने के चलते ये दोनों एक दूसरे से जुड़े हुए हैं. यहां शाम नौ बजे तक आसानी से जाया जा सकता है.

वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि बड़े वाले दरवाजे को बलपूर्वक खोला गया है, इससे हमलावर अंदर पहुंचे हैं. इसके बाद सांध्य कॉलेज के रास्ते से ये मूर्ति वाले भाग तक पहुंचे हैं. दूसरे वीडियो में इसे भी देखा जा सकता है. इन वीडियो के आने से बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के दावे गलत साबित हो रहे हैं.


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