बसपा ने सपा से नाता तोड़ा, अपने दम पर लड़ेगी उपचुनाव


mayawati accepts amit shah's challenge to debate caa

 

बसपा अध्यक्ष मायावती भविष्य में अपने बलबूते चुनाव लड़ने की बात कह कर उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा गठबंधन के भविष्य पर सवाल खड़े कर दिये हैं.

उत्तर प्रदेश के पार्टी पदाधिकारियों और निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की समीक्षा बैठक में मायावती ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कुछ विधानसभा सीटों पर संभावित उपचुनाव बसपा अपने बलबूते लड़ेगी.

सूत्रों के अनुसार उन्होंने इसके लिये बसपा का संगठनात्मक ढांचा मजबूत करने की जरूरत पर बल देते हुए पार्टी पदाधिकारियों को उपचुनाव की तैयारियां तेज करने को कहा है.

उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी के नौ और सपा-बसपा के एक-एक विधायक के लोकसभा चुनाव जीतने के बाद राज्य की 11 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होंगे. बसपा, हालांकि अब तक उपचुनाव नहीं लड़ती थी. इसके मद्देनजर मायावती का यह निर्देश अहम माना जा रहा है.

लोकसभा चुनाव में बसपा को दस और सपा को महज पांच सीट मिल सकी, सोलहवीं लोकसभा के चुनाव में बसपा एक भी सीट नहीं जीत सकी थी.

सूत्रों के अनुसार मायावती ने लोकसभा चुनाव में गठबंधन की सहयोगी, सपा का वोटबैंक बसपा के पक्ष में स्थानांतरित नहीं होने की दलील देते हुये पार्टी पदाधिकारियों को कहा कि पार्टी अब ‘गठबंधनों’ पर निर्भर रहने के बजाय अपना संगठन मजबूत कर अपने बलबूते चुनाव लड़ेगी.

उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में बसपा को जिन सीटों पर कामयाबी मिली उसमें सिर्फ पार्टी के परंपरागत वोटबैंक का ही योगदान रहा.

इससे पहले समाजवादी पार्टी के विधायक हरिओम यादव ने आरोप लगाया था कि सपा-बसपा गठबंधन की वजह से पार्टी का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है. उन्होंने कहा था कि गठबंधन नहीं होता तो सपा 25 सीटें जीतने में कामयाब होती.

मायावती ने कहा कि शिवपाल के अलग चुनाव लड़ने के कारण सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के पारिवार के सदस्य भी चुनाव हार गये। उन्होंने माना कि चुनाव में पारिवारिक कलह का नुकसान गठबंधन को उठाना पड़ा.

समीक्षा बैठक में मायावती ने लोकसभा चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी गठबंधन को जमीनी स्तर पर मजबूत बनाने के लिये गठित की गई भाईचारा समितियों को आगे भी काम करते रहने को कहा है.

समझा जाता है कि मायावती ने लोकसभा चुनाव में कुछ विधायकों के सांसद बनने के कारण रिक्त हुयी विधानसभा सीटों पर आने वाले दिनों में होने वाले उपचुनाव भी अपने बलबूते लड़ने का पार्टी नेताओं को निर्देश दिया है. उन्होंने इस बाबत पार्टी पदाधिकारियों से उपचुनाव की तैयारियों में जुट जाने के लिये कहा.


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